आप अमेरिकी कपीराइट लागू करते हैं तो भारतीय कानूनों का भी ध्यान रखें:प्रसाद

Spread the love

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार और ट्विटर की अनबन निकट भविष्य में कम होती नहीं दिख रही है। अब एक बार फिर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर पर निशाना साधा है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों से जवाबदेही की मांग करते हुए बुधवार को कहा कि ट्विटर ने उनके खाते को अमेरिकी कपीराइट अधिनियम का नाम ले कर रोक दिया था। उन्होंने कहा कि उसे भारत के कानून का भी तो ध्यान रखना चाहिए, जहां वह काम कर रही है और पैसे कमा रही है।
प्रसाद ने इंडिया ग्लोबल फोरम के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ट्विटर ने पिछले हफ्ते उनके खाते को एक घंटे तक बंद कर दिया। ऐसा अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कपीराइट अधिनियम के तहत चार साल पहले की गई एक शिकायत को लेकर किया गया। उन्होंने कहा कि अगर आप अमेरिका के डिजिटल कपीराइट अधिनियम को लागू करने जा रहे हैं, तो आपको भारत के कपीराइट नियमों का भी ध्यान रखना चाहिए।
मंत्री ने कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि मेरे इस पूरे रुख का नियमन अमेरिकी कानून के एकपक्षीय मूल्याकंन के आधार पर किया जाएगा। उच्च प्रौद्योगिकी की इस भूमिका और लोकतंत्र के बीच एक सुखद समन्वय का कोई समाधान ढूंढ़ना ही होगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में काम करने की आजादी है, लेकिन उन्हें भारतीय संविधान और कानूनों को प्रति जवाबदेह होना होगा।
पिछले कुछ समय में ट्विटर कई मुद्दों को लेकर सरकार के निशाने पर रही है। माइक्रोब्लगिंग साइट ने सोशल मीडिया कंपनियों से जुड़े नए आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) कानूनों का अब तक पालन नहीं किया है। नए नियमों के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत है। इसमें भारत में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं। इससे पहले इस महीने की शुरूआत में सरकार ने ट्विटर को नियमों के अनुपालन का आखिरी मौका देते हुए कहा था कि अगर वह इसमें विफल रहती है, तो उसे आईटी कानून के तहत मध्यस्थ मंच के नाते दायित्व से जो टूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। इसके साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।
ट्विटर ने हाल ही में अतिरिक्त समय समाप्त होने के बाद भी जरूरी अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की जिसके साथ उसने भारत में श्संरक्षित प्रावधानश् के जरिए मिलने वाली रियायतों का अधिकार खो दिया। अब माइक्रोब्लगिंग साइट उपयोगकर्ताओं के किसी भी तरह की गैरकानूनी सामग्री डालने पर उसकी जिम्मेदार होगी। प्रसाद ने साथ ही कहा कि भारत में सोशल मीडिया का मामला इन मंचों पर पीड़ितों के अधिकारों के हनन और कंपनियों की जवाबदेही से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि अगर लोकतंत्र को गलत सूचना, फर्जी खबरों, नकल की गई सामग्री से पार पाना है तो ये सभी चुनौतियां हैं। मैं रोक-टोक के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन लोकतांत्रिक देशों को इन मुद्दों को लेकर एक सहमति पर पहुंचाना होगा। ताकि ये प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियां अपना काम करें, अच्टे पैसे, अच्छा मुनाफा कमाएं, लेकिन जवाबदेह बनें। ऐसा तभी होगा जब आप किसी देश के कानून का पालन करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *