इलाहाबाद हाई कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणी, गाय भारत की संस्कति, मौलिक अधिकार देकर घोषित किया जाए राष्ट्रीय पशु
लखनऊ, एजेंसी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए। कोर्ट ने गाय काटने के एक आरोपी व्यक्ति जावेद की जमानत याचिका को रद करते हुए केंद्र सरकार को सुझाव दिया है। कोर्ट ने कहा कि गौरक्षा को हिंदुओं का मौलिक अधिकार किया जाना चाहिए। गायों को सिर्फ धार्मिक नजरिए से नहीं देखना चाहिए। हर देशवासी का फर्ज है कि वह गाय का सम्मान करें और उनकी सुरक्षा भी करें।
काऊ स्लाटर एक्ट के तहत जावेद नाम के व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायाल ने यह सुझाव दिए हैं। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि गाय को मौलिक अधिकार दिए जाने चाहिए। कोर्ट ने कहा कि जब गाय का कल्याण होगा तभी देश का भी कल्याण होगा। गोरक्षा का काम केवल एक धर्म संप्रदाय का नहीं है और न ही गायों को सिर्फ धार्मिक नजरिए से नहीं देखना चाहिए, बल्कि गाय भारत की संस्ति है और संस्ति की रक्षा का कार्य देश के प्रत्येक नागरिक का है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि केंद्र सरकार संसद में बिल लाकर गायों को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दे। कोर्ट ने कहा कि गाय को लेकर संसद जो कानून बनाए उसपर सख्ती से अमल भी कराए। जस्टिस शेखर कुमार यादव की बेंच ने यह फैसला सुनाया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत अर्जी खारित करते हुए कहा कि यह आवेदक का पहला अपराध नहीं है, इससे पहले भी उसने गोहत्या की है, जिससे समाज का सौहार्द बिगड़ गया है और जमानत पर रिहा होने पर वह फिर से वही काम करेगा जिससे समाज में सौहार्द बिगड़ेगा। आवेदक का यह जमानत आवेदन निराधार है और खारिज किए जाने योग्य है। कोर्ट ने राज्य भर में गौशालाओं के कामकाज में ढिलाई बरतते पर कहा कि यह देखकर बहुत दुख होता है कि जो लोग गोरक्षा की बात करते हैं, वहा गौभक्षक बन जाते हैं।