ईरान ने शुरू की जंग की तैयारी, अमेरिका और इजराइल को सीधा संदेश
अबादान । अमेरिका और इजरायल की तरफ से न्यूक्लियर साईट्स को निशाना बनाए जाने की चर्चाओं के बीच ईरान ने जंग की तैयारी शुरू कर दी है। पश्चिम एशिया में जारी तनाव के बीच ईरान ने एक भूमिगत मिसाइल भंडारण सुविधा का अनावरण किया है। तस्नीम न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसारतेहरान ने घोषणा की कि वह नई विशेष मिसाइलें बना रहा है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने एक वीडियो साझा किया है जिसमें सुरक्षा बलों के कमांडर मेजर जनरल होसैन सलामी और ब्रिगेडियर जनरल अमीर अली हाजीजादेह दिख रहे हैं। ईरानी समाचार आउटलेट के अनुसार, अक्टूबर और अप्रैल में इज़राइल के खिलाफ ईरान के कुछ ऑपरेशन इस भूमिगत मिसाइल बेस का उपयोग करके किए गए थे। ईरान के दक्षिण-पश्चिमी शहर अबादान में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सलामी ने यह भी घोषणा की कि आईआरजीसी एयरोस्पेस फोर्स नई विशेष मिसाइलें विकसित कर रही है।
ईरान की तरफ से ये घोषणा जनरल अली मोहम्मद नैनी की चेतावनी के कुछ दिनों बाद आई है कि ईरान इस महीने नए अभ्यास आयोजित करेगा। तस्नीम न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, नैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि भूमिगत शहर शामिल होगा जो मिसाइलों और ईरान के दक्षिण में जहाजों को समायोजित करने वाली एक अन्य सुविधा का भंडारण करेगा। मीडिल ईस्ट में बढते तनाव के बीच जानकार ये मान रहे हैं कि ईरान का लक्ष्य यह दिखाना है कि उसने क्षेत्र में सत्ता नहीं खोई है। हालाँकि, कुछ ही महीनों में तेहरान को कई झटके लगे। लेबनान, गाजा और यमन में ईरान समर्थित सेनाएं अभी भी इजरायल के हमले का सामना कर रही हैं और ईरान के सहयोगी सीरियाई नेता बशर अल-असद के शासन के पतन ने देश को सदमे में छोड़ दिया है।
सलामी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमारी प्रतिरोधक क्षमता किसी अन्य देश की कार्रवाई के आधार पर तैयार नहीं की गई है। पिछले साल अक्टूबर में, इज़राइल ने कहा था कि उसने यहूदी राष्ट्र पर तेहरान द्वारा किए गए पहले हमलों के जवाब में ईरान के अंदर ईरानी मिसाइल निर्माण साइटों और हवाई रक्षा प्रणालियों पर हमला किया था। हमले के समय, ईरान के विदेश मंत्रालय ने इज़रायली हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन बताते हुए कहा कि वह अपनी रक्षा करने का हकदार और बाध्य है।” दिलचस्प बात यह है कि यह वीडियो अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से कुछ दिन पहले भी जारी किया गया था।