कण्वाश्रम में पांच जून से शुरू होगा योग साधना शिविर : आर्य
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : केंद्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि कण्वाश्रम की सरकारों की ओर से लगातार उपेक्षा की जा रही है। राजा भरत की जन्म स्थली होने के बावजूद आज तक कण्वाश्रम को विश्व में पहचान नहीं मिल पाई है। कण्वाश्रम को पहचान दिलाने के उद्देश्य को लेकर पांच जून से योग साधना शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न प्रदेशों के युवा प्रतिभाग करेंगे। शिविर में युवाओं को योग के साथ ही अपनी संस्कृति व सभ्यता से भी परिचित कराया जाएगा।
सोमवार को नजीबाबाद रोड स्थित आर्य समाज मंदिर के सभागार में पत्रकारों से बातचीत में अनिल आर्य ने कहा कि परिषद की ओर प्रत्येक वर्ष देश के विभिन्न शहरों में योग शिविर का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष परिषद ने योग शिविर के लिए गुरुकुल महाविद्यालय कण्वाश्रम का चयन किया है। कहा कि पांच जून से 12 जून तक होने वाले विशाल योग शिविर में देश के विभिन्न राज्य से युवा व बच्चे पहुंचेंगे। कक्षा छह से 12 तक के बच्चों को सुबह चार बजे से रात्रि दस बजे तक योगाभ्यास, प्राणायाम, ध्यान, दंड बैठक, लाठी, जूडो-कराटे, बॉक्सिग आदि आत्मरक्षा की शिक्षा दी जाएगी। वैदिक आश्रम गुरुकुल महाविद्यालय कण्वाश्रम के संस्थापक डॉ. विश्वपाल जयंत ने कहा कि युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए इस तरह के योग शिविर की अति आवश्यकता है। इस दौरान योग के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए डा. विश्वपाल जयंत को सम्मानित भी किया गया। उन्होंने युवाओं से अधिक से अधिक योग शिविर में प्रतिभाग करने की अपील की। इस मौके पर आर्य समाज के संरक्षक आनंद आर्य, मंत्री हिमांशु आर्य, आशुतोष वर्मा आदि मौजूद रहे।