कुमाउनी लोक कलाकारों ने खूब लूटी वाहवाही
रुद्रपुर। कुमाऊं सांस्कृतिक उत्थान मंच द्वारा आयोजित उत्तरायणी कौतिक का तीसरा दिन कुमाउनी लोक कलाकारों के नाम रहा। कुमाउनी लोकगायक नीरज चुफाल ने नेपाली गीत कलम सुरू रू लेखि दे नेपाल सहित अन्य गीतों से दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। शनिवार को मेले के तीसरे दिन का शुभारंभ संस्था अध्यक्ष कैप्टन ठाकुर सिंह खाती, सचिव भुवन भट्ट, बीएस मेहता, अधिवक्ता केडी भट्ट, जीडी पाठक, टीबी चंद व संस्था सदस्यों ने दीप जलाकर और सावित्री चंद द्वारा शगुन आखर एवं वंदना गाकर किया गया। क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों से आए बच्चों ने रंगोली एवं ऐपण प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर शानदार प्रदर्शन किया। नव ज्योति मान्टेसरी स्कूल कंजाबाग के बच्चों ने लोकप्रिय गीत, एक छोटी बच्ची दीप्ति भट्ट ने नेपाली गीत गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। परिवर्तन सेवा समिति के कलाकारों ने मनमोहक भक्तिगीत अल्मोड़ा की नंदा देवी जै भोला गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोकगायक नैननाथ रावल ने तू ना बासा घूघूति, दरमा घाट शौक बस्यो गाकर दर्शकों का मंत्रमुग्ध किया। लोकगाकिया सीमा विश्वकर्मा ने हिल मां चांदी को बटन रैन दिल मां तुमरी रटन गाकर जमकर वाहीवाही लूटी। परिवर्तन सेवा समिति की टीम ने झोड़ा, छपेली, नेपाली नृत्य, भाना गंगनाथ नृत्य नाटिका की सुन्दर प्रस्तुति दी।
वैष्णवी उपाध्याय व वैभव उपाध्याय ने हाय तेरी रूमाल कै भलि छाजि रै नाक की नथूली गाकर लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। साथ ही सरस्वती पब्लिक स्कूल छिनकी, ट्रैफोर्ड पब्लिक स्कूल चकरपुर, आदि गुरु शंकराचार्य स्कूल आदि ने रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। मंच का संचालन सचिव भुवन भट्ट, सांस्कृतिक प्रभारी सावित्री चंद व कोषाध्यक्ष बीएस मेहता ने संयुक्त रूप से किया। इस दौरान जेएस बसेड़ा, कुंदन सिंह मनौला, जगदीश पांडेय, मनोज कन्याल, घनश्याम सनवाल, फकीर सिंह ज्याला, नवीन कापड़ी, भागीरथी कापड़ी, मुन्नी ओझा, शांति पांडेय, प्रेमा महर, राकेश कापड़ी, कमला मेलकानी, गीता कांडपाल, प्रियंका गोस्वामी, दीपा वर्मा, संधाशु शाह, लक्ष्मण सिंह, गणेश लोहनी, राजेंद्र अधिकारी, किशोर भट्ट, रोहन कापड़ी, हिमानी कोरंगा, केसी जोशी, जगत मारकोना आदि मौजूद रहे।