कोटद्वार : वीर तीलू रौतेली के जन्मदिन पर बीरबाला तीलू रौतेली विचार मंच की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान अतिथियों व मंच के सदस्यों ने वीर तीलू रौतेली के योगदान को याद किया। कहा कि गढ़वाल की लक्ष्मीबाई वीर तीलू रौतेली के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
बीरबाला तीलू रौतेली विचार मंच की ओर से नजीबाबाद चौराहे में तीलू रौतेली की प्रतिमा के समीप कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण, महापौर शैलेंद्र सिंह रावत, पूर्व काबीना मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, पूर्व महापौर हेमलता नेगी ने तीलू रौतेली की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए उनके योगदान को याद किया। वक्ताओं ने कहा कि शक्ति और शौर्य की त्रिवेणी कही जाने वाली तीलू रौतेली मात्र 15 वर्ष की आयु में रणभूमि में उतरीं। अपने पिता और भाइयों की शहादत के बाद, तीलू ने गढ़भूमि पर हो रहे आक्रमणों का प्रतिकार करते हुए लगातार सात युद्ध लड़े। उन्होंने दुश्मनों को परास्त किया और गढ़राज्य की रक्षा की। तीलू रौतेली केवल एक ऐतिहासिक पात्र नहीं, बल्कि उत्तराखंड की अस्मिता, स्वाभिमान और साहस की प्रतीक हैं। जिस उम्र में बच्चियां खेलती हैं, उस उम्र में उन्होंने तलवार थामी और रणभूमि में अद्वितीय पराक्रम दिखाया। “रानी लक्ष्मीबाई की तरह ही तीलू रौतेली भी इतिहास की वो शेरनी थीं, जिनका नाम आज भी गढ़वाली जागरों में गूंजता है। हमें गर्व है कि हम उस धरती के वासी हैं, जिसने तीलू जैसी बेटी को जन्म दिया।” इस मौके पर संस्था की अध्यक्ष बीना रावत, महेंद्र सिंह रावत, जयवीर सिंह रावत आदि मौजूद रहे।