पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को किया याद

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अल्मोड़ा। पेशावर कांड की 94वीं वर्षगांठ पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में खुली गोष्ठी का आयोजन कर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को याद कर उन्हें श्रद्घासुमन अर्पित किए गए। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने कहा कि यह पेशावर कांड के नाम से जाना जाता है किंतु यह एक तत्कालीन अंग्रेज सरकार के खिलाफ भारत की आजादी के लिए सैन्य विद्रोह था। उपपा अध्यक्ष ने कहा कि आज भी वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के विचारों से प्रेरित लोग समाज को बदलने का कार्य कर रहे हैं जिन्हें पहचानने की जरूरत है। वरिष्ठ पत्रकार व संस्तिकर्मी नवीन बिष्ट ने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली वामपंथी विचारधारा के थे और मरते दम तक वामपंथी पार्टी से जुड़े रहे और वे उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए वर्षों संघर्षरत रहे लेकिन उन्होंने जिस उत्तराखंड हिमालयी राज्य की अवधारणा के लिए संघर्ष किया था वह अभी तक पूरी नहीं हुई है उनको सच्ची श्रद्घांजलि देने के लिए हमें उनके विचारों को अपनाना होगा। वक्ताओं ने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का व्यक्तित्व बहुमुखी था वे मानवता व समानता के पक्षधर थे। इस अवसर पर देश गीतों का भी गायन किया गया। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता उपपा की केंद्रीय उपाध्यक्ष आनंदी वर्मा ने की और संचालन केंद्रीय महासचिव एडवोकेट नारायण राम ने किया। गोष्ठी में एडवोकेट पान सिंह, किरन आर्या, धीरेंद्र मोहन पंत, गोपाल राम, जीवन चंद्र, राजू गिरी, अनीता बजाज, भारती, रेशमा परवीन, मुहम्मद साकिब, उछास की भावना पांडे, सक्षम पांडेय आदि लोग उपस्थित रहे।

 

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