युवा मतदाताओं के हाथों में होगा बुजुर्ग प्रत्याशियों का भाग्य

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पिथौरागढ़। उत्तराखंड को युवा प्रदेश के तौर पर जाना जाता है। यहां के अधिकतर लोग युवा हैं। मतदाता सूची भी इसकी पुष्टि करती है। कुल मतदाताओं में 40लाख से अधिक लोग 18 से 39 वर्ष आयु वर्ग के हैं। बेशक यह युवाओं का प्रदेश हो, लेकिन यहां की राजनीति बुजुर्ग नेताओं के हाथों में रहती है। लोकसभा चुनाव में भी यह देखने को मिल रहा है। पांच सीटों के लिए चुनाव मैदान में खड़े प्रत्याशी 58 फीसदी बुजुर्ग हैं। टिहरी गढ़वाल की भाजपा प्रत्याशी सबसे अधिक उम्रदराज हैं, उनकी उम्र 73 वर्ष है। प्रदेश में लोकसभा की पांच सीट अल्मोड़ा, नैनीताल-उधमसिंह नगर, गढ़वाल, टिहरी और हरिद्वार हैं। इन पांच सीटों पर 55 प्रत्याशी मैदान में खड़े हैं। इनमें भाजपा और कांग्रेस के पांच-पांच प्रत्याशियों के अलावा यूकेडी के तीन, अखिल भारतीय परिवार पार्टी के दो, राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी से एक, निर्दलीय 18 व 16 अन्य पार्टियों से हैं। एसोसिएशन फर डेमोक्रेटिक रिफर्म्स (एडीआर) की ओर से बीते आठ अप्रैल को जारी रिपोर्ट के मुताबिक इन प्रत्याशियों में 51वर्ष से अधिक उम्र के सर्वाधिक 32 लोग शामिल हैं। इसके अलावा 25 से 40वर्ष आयुवर्ग में 11प्रत्याशी हैं। 41से50वर्ष आयुवर्ग के 12प्रत्याशी हैं।
हरिद्वार सीट में सबसे युवा प्रत्याशीरू टिहरी गढ़वाल सीट में जहां भाजपा प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह सबसे अधिक उम्र की प्रत्याशी हैं तो वहीं हरिद्वार सीट में सबसे कम उम्र का प्रत्याशी सांसद के लिए अपना भाग्य आजमा रहा है। निर्दलीय प्रत्याशी अविनाश कुमार की उम्र 25 वर्ष ही है। अविनाश के अलावा टिहरी गढ़वाल से निर्दलीय प्रत्याशी बबी पवार की उम्र भी 26 वर्ष है।
जमा शपथपत्रों के आधार पर प्रत्याशियों की आयु का विश्लेषण किया गया है। प्रदेश की पांचों सीटों पर 51वर्ष से अधिक आयुवर्ग के प्रत्याशियों की संख्या अधिक है। – नवीन मौनी, प्रोग्राम एसोसिएट एडीआर।

 

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