कोटद्वार-पौड़ी

लगातार बढ़ती गर्मी से आमजन परेशान

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कोटद्वार। पिछले कई दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। शनिवार को भी भीषण गर्मी के चलते आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। गर्मी के चलते लोग घरों में दुबके रहे वहीं बाजारों व मुख्य मार्गों पर भी लोगों की चहल-पहल कम ही रही। गर्मी का यह हाल था कि लोग पसीनों से तर-बतर रहे लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल पायी। वहीं गर्मी के कारण लोगों में उल्टी-दस्त की शिकायतें भी लगातार बढ़ती जा रही है। तेज धूप निकलने से तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। तापमान में बढ़ोतरी के कारण प्रत्येक वर्ग परेशान हो रहा है। बढ़ते तापमान के कारण आसमान से अंगारे बरसने जैसा अनुभव हो रहा है। आलम यह है कि धूप में पैदल चलना मुश्किल हो गया है। तेज धूप से चेहरा न झुलसे, इसके लिए खासकर युवतियां और महिलाएं चेहरे को पूरी तरह से ढ़ककर बाहर निकल रही हैं।
जून माह के दूसरे सप्ताह में गर्मी भी अपने पूरे रंग में आती जा रही है। शनिवार को भी चिलचिलाती धूप व लू ने लोगों को पूरे दिन परेशान किए रखा। लोग पसीनों से तरबतर दिखाई दिए। दोपहर के समय गर्मी के कारण बाजारों में भी चहल पहल कम ही दिखाई दी जिसके चलते सडकें सूनी नजर आयी। लोगों द्वारा गर्मी से निजात पाने के लिए किये जा रहे हर संभव प्रयास फेल हो रहे हैं। गर्मी का आलम यह था कि लोग पंखों व कूलरों के सामने बैठकर भी पसीनों से तर-बतर नजर आए। सबसे ज्यादा परेशानी छोटे-छोटे बच्चे को हो रही है। गर्मी व लू के चलते लोग बीमारियों की चपेट में भी आना शुरू हो गए हैं जिसके चलते उन्हें बुखार, उल्टी दस्त की शिकायत भी शुरू हो गयी है। शहर के राजकीय बेस अस्पताल व प्राइवेट चिकित्सकों के यहां बुखार व उल्टी दस्तों से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। चिकित्सकों ने भी लोगों से ऐसे मौसम में अपना बचाव करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि गर्मी शरीर के पानी को खत्म कर देती है जिसके चलते लोग खासकर छोटे बच्चों को दस्त की शिकायत पैदा हो जाती है। उन्होंने इस मौसम में अधिक से अधिक पानी का सेवन व बुखार होने पर तुरंत चिकित्सक से उपचार कराने की सलाह दी है।

कुछ सावधानियां अपनाकर मौसम की मार से बचा जा सकता है।
लंबे समय तक बाहर रहने से बचें : दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। पूरे देश में जारी गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए धूप के सीधे संपर्क में आने से परहेज करें।
धूप में निकलने से बचें : दिन के समय धूप में बाहर निकलना जरूरी है तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें। इसके अलावा टैनिंग और सनबर्न से बचने के लिए छतरी, टोपी, गीला तौलिया और ठंडा पानी साथ लेकर निकलें।
खाने में स्वच्छता का ध्यान रखें : खानपान में साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखें। बाहर का तला-भुना और खुले में बनाया जा रहा कोई भी खाद्य पदार्थ खाने से बचें। इस मौसम में दूषित खाने या पानी से बीमारी होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। बच्चों को भी इन बातों की जानकारी दें और उन्हें कुछ भी खाने से पहले हाथ धोने के लिए प्रेरित करें।
तरल पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ाएं : जितना ज्यादा हो तरल पदार्थ जैसे नीबू पानी का प्रयोग करें। ध्यान रहे कि यह ठंडा हो बर्फीला नहीं, अन्यथा दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। मौसमी फल जैसे खरबूज, तरबूज, आम, खीरा, ककड़ी का सेवन जरूर करें। हालांकि इनके सेवन के साथ भी कुछ सावधानियां जुड़ी हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी है। शरीर में पानी की कमी न होने दें। एक दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं। छाछ, लस्सी, कच्चे आम का पना, बेल का शरबत या सत्तू का शरबत इस मौसम में बहुत फायदेमंद होता है।
फुल स्लीव के ढीले-ढाले कपड़े पहनें: ढीले-ढाले और पूरी बाजू के व हल्के रंगों के कपड़ों का चुनाव करना चाहिए। यह सूरज के प्रकोप से बचाते हैं और पसीने सूखने में मदद करते हैं। इस मौसम में आंखों का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसलिए तेज धूप में घर से बाहर निकल रहे हैं तो सनग्लासेज का इस्तेमाल जरूर करें।

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