शीतकाल के लिए बंद हुए श्री बदरीनाथ मंदिर केकपाट
-शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुई प्रक्रिया पूरी
चमोली : भू-बैकुंठ धाम श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट शनिवार (20 नवंबर) को शुभ मुहूर्त में शाम 6:45 बजे पूरी विधि विधान, वैदिक परम्परा एवं मंत्रोच्चारण के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। पंच पूजाओं के साथ शुरू हुई कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतिम दिन भगवान नारायण की विशेष पूजा अर्चना की गई। मुख्य पुजारी, मंदिर समिति के सदस्यों एवं सैकड़ों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में भगवान बद्री विशाल के कपाट इस वर्ष शीतकाल के लिए बंद किए गए। कपाट बंद होते समय आर्मी के मधुर बैंड ध्वनि ने सबको भावुक कर दिया। कपाट बंद होने से पूर्व भगवान को घृत कम्बल पहनाया गया। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान के कपाट बंद होने की प्रक्रिया देखी। पूरी बदरीनाथपुरी जय बदरी विशाल के उद्घोष के साथ गूंज उठी। इस मौके पर मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी नम्बूदरी ने इस वर्ष की अंतिम पूजा की। कपाट बंद होने का माहौल अत्यंत धार्मिक मान्यताओं, परम्पराओं के साथ हुआ। देवस्थानम बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष एक लाख 97 हजार, 56 श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शनों के लिए बदरीनाथ पहुंचे।