सन्यास लेने की सलाह पर हरीश रावत ने किया पलटवार
देहरादून। काबीना मंत्री सुबोध उनियाल के राजनीतिक जीवन से सन्यास लेने की सलाह पर रावत ने सोमवार को जवाब दिया। सुबोध का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि, त्रिवेंद्र सरकार के काबिल मंत्री को उनके राजनीतिक आका के दुराग्रह के साथ अपना साथी नहीं बना पाया था। लेकिन, उनकी सन्यास की सीख मुझे अच्छी लगी। मैं सन्यास जरूर लूंगा लेकिन वर्ष 2024 में देश में राहुल गांधी के नेतृत्व में संवैधानिक लोकतंत्रवादी शक्तियों की विजय और राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही यह संभव हो पायेगा। बकौल रावत, तब तक मेरे शुभचिंतक मेरे संन्यास के लिये प्रतीक्षारत रहें।
हरीश राजनीति से संन्यास लेकर भजन करें: सुबोध
मौजूदा सरकार में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि कांग्रेस को एक बात समझ लेनी चाहिए कि वो डूबता जहाज है। न इनमें राष्ट्रीयता की भावना है, न नैतिकता। भला इस डूबते जहाज में कौन बैठना चाहेगा ? रही बात हरीश रावत की तो वो बहुत बुजुर्ग हो चुके हैं। कांग्रेस की दशा के लिए वो ही जिम्मेदार हैं। रावत को राजनीति से संन्यास लेकर अब घर में भजन-कीर्तन में समय बिताना चाहिए। यही उनके लिए और कांग्रेस के लिए भी अच्छा होगा। बकौल सुबोध, हास्यास्पद बात यह है कि कोई कांग्रेस में आने को तैयार नहीं। कांग्रेस नेता बिना सिर-पैर की बात पर सिर-फुटव्वल में मशगूल हैं। सुबोध ने आगे कहा कि कांग्रेस का चरित्र देश के सामने आ चुका है।