100 करोड़ वसूली कांड: अदालत ने अनिल देशमुख को 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेजा

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नई दिल्ली, एजेंसी। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। 100 करोड़ की वसूली मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल देशमुख को बीती देर रात गिरफ्तार कर लिया। आज विशेष पीएमएलए कोर्ट ने देशमुख को 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है। वे कई दिनों से लापता रहने के बाद सोमवार सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर अचानक प्रवर्तन निदेशालय अफिस पहुंचे थे।
अनिल देशमुख को ईडी ने पांच बार पूछताछ के लिए समन जारी किया था, लेकिन वह बीमारी और लंबी उम्र का बहाना बनाकर गायब थे। हर बार उनके वकील इंद्रपाल सिंह ही दफ्तर पहुंचते थे। उनकी दलील थी कि देशमुख 75 साल के हैं और महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से वे पेश नहीं हो सकते। 1 नवंबर को ईडी दफ्तर पहुंचे देशमुख से 13 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
ईडी ने बताया कि देशमुख की तरफ से किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा था ऐसे में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मंगलवार को कस्टडी के लिए उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा । अनिल देशमुख का विवादों से पुराना नाता रहा है। वह भ्रष्टाचार के अलावा आय से अधिक संपत्ति रखने और गृहमंत्री रहते अपने पद का दुरुपयोग करने के मामले में भी आरोपी हैं।
करीब दो महीने पहले 17 सितंबर 2021 को अनिल देशमुख के मुंबई और नागपुर के कुछ ठिकानों पर छापा मारा था। 100 करोड़ की वसूली मामले की जांच हाथ में आते ही ब्ठप् की अलग-अलग टीमों ने अनिल देशमुख के मुंबई और नागपुर स्थित आवास और कार्यालयों और कलेज समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इनमें नागपुर की टीम के हाथ महत्वपूर्ण सुराग लगे थे। सीबीआई कई बार देशमुख के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है।
100 करोड़ की वसूली मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कई बार देशमुख के खिलाफ समन भेज चुका था, लेकिन देशमुख ईडी के सामने पेश नहीं हो रहे थे। ईडी ने अनिल देशमुख के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया फिर भी वह सामने नहीं आ रहे थे। एक नवंबर को अचानक वह ईडी दफ्तर पहुंचे। 13 घंटों की पूछताछ के बाद ईडी ने संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
मनी लन्ड्रिंग मामले में इनकम टैक्स विभाग ने भी अनिल देशमुख के खिलाफ कार्रवाई की थी। आईटी की टीमों ने नागपुर और मुंबई स्थित आवास और कलेज समेत कई ठिकानों पर दबिश दी थी। इसके साथ ही आयकर विभाग ने उनके करीबी और रिश्तेदारों के घर पर भी छापा मारा था।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने करीब ढाई महीने पहले मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने ही मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वझे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया था। हालांकि, अनिल देशमुख ने आरोपों से इंकार किया था, लेकिन बम्बे हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई जांच के आदेश के बाद देशमुख को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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