104 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मुरली सिंह रावत का निधन
बुधवार तड़के ऋषिकेश एम्स अस्पताल में ली अंतिम सांस
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत मवाकोट निवासी 104 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मुरली सिंह रावत का बुधवार तड़के निधन हो गया। मुरली सिंह रावत ने ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। ब्रेन हैमरेज की शिकायत के बाद उन्हें कोटद्वार बेस अस्पताल से एम्स रेफर किया गया था। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के निधन पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है।
10 अक्टूबर 1919 को जनपद पौड़ी के खैंडूडी गांव में जन्मे मुरली सिंह ने हाईस्कूल तक की शिक्षा ग्रहण की थी। मुरली सिंह रावत 1937 में 18 वर्ष की आयु में लैन्सडौन से गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए और भर्ती के तीन वर्ष बाद लांस नायक पद पर प्रमोट हुए। जुलाई 1943 में सिंगापुर में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा आजाद हिन्द फौज के गठन के बाद मुरली सिंह रावत भी आजाद हिन्द सेना के सैनिक बन गए जहां पर उन्होंने ऑफिसर ट्रेनिंग स्कूल की परीक्षा पास की और उन्हें लेफ्टिनेट के पद पर प्रोन्नत किया गया। उन्होंने कर्नल जी.एस. ढिल्लन के नेतृत्व में चौथी गुरिल्ला रेजिमेन्ट जो बाद में जवाहर रेजिमेन्ट के नाम से जानी गई, ज्वाइन की। पी.ए.सी सीतापुर, उत्तरकाशी और मुरादाबाद में तैनाती के बाद 1961 में मुरली सिंह रावत को फिर प्लाटून कमांडर के पद पर उत्तरकाशी भेजा गया जहां 1962 में चीनी सेना की एक टुकड़ी जो नीलांग घाटी में घुस गई थी, मुरली सिंह के नेतृत्व में चीनी सैनिकों को पीछे खदेड़ा गया था। 1974 में जोशीमठ से पी.ए.सी से मुरली सिंह रावत सेवानिवृत्त हुये। मुरली सिंह के पोते बृजमोहन सिंह ने बताया कि मंगलवार शाम योगा व पूजा-पाठ करने के बाद मुरली सिंह बाथरूम में हाथ धोने के लिए गए हुए थे। इसी दौरान अचानक उन्हें चक्कर आने लगे। मुरली सिंह ने स्वजनों को आवाज लगाकर अपनी तबीयत खराब होने के बारे में बताया। जिसके बाद स्वजन उन्हें निजी वाहन से राजकीय बेस चिकित्सालय कोटद्वार लेकर पहुंचे। यहां चिकित्सकों ने ब्रेन हैमरेज की बात कहते हुए मुरली सिंह को ऋषिकेश एम्स अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था। ऋषिकेश एम्स अस्पताल में मुरली सिंह ने बुधवार सुबह करीब तीन बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने कहा कि हमने एक महान गांधीवादी विचारक खो दिया है, देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। मुरली सिंह रावत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ माह पूर्व उन्होंने मवाकोट स्थित उनके आवास पर पहुंच कर उनसे भेंट की थी और उनको सम्मानित कर उनका आशीर्वाद भी लिया था। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति और शोकाकुल परिवारजनों के दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।