12 साल बाद मिली मां

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रुड़की। 12 साल बाद मां को देख परिवार फूले नहीं समा रहा है। हरिद्वार जिले के रुड़की के सुनहरा निवासी बिट्टू की मां बाला मानसिक रूप से कुछ कमजोर हैं। 2008 को उनकी मां घर से कहीं चली गईं। स्वजनों को इतना तो पता चला कि बाला सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर देखी गईं, लेकिन इसके बाद कुछ भी पता नहीं। 12 साल से स्वजन बाला की तलाश में जुटे थे। इसी दौरान बाला भटकते हुए किसी तरह से चेन्नई पहुंच गई।आठ दिसंबर 2011 को बाला को चेन्नई स्थित सरकारी संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ में भर्ती कराया गया। संस्थान की ओर से स्वजनों की तलाश की गई, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। 28 मई 2020 को संस्थान ने एस्पाइरिंग लाइव्स एनजीओ से संपर्क किया। यह संस्था मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को मिलवाने का काम करती है। एनजीओ के मैनेजिंग ट्रस्टी मनीष कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के चलते वह बाला से नहीं मिल सके। फोन पर बात की, लेकिन वह फोन पर कुछ भी नहीं बता पा रही थीं। इसके बाद स्वजनों के बारे में जानकारी की। फोन पर स्वजनों से वार्ता की। जिस पर बाला का बेटा बिट्टू और उनका मौसेरा भाई सुरेन्द्र चेन्नई पहुंचे। यहां से सात अक्टूबर को वह मां को लेकर रुड़की आ गए। एनजीओ के मैनेजिंग ट्रस्टी मनीष कुमार ने बताया कि अब तक संस्थान 104 व्यक्तियों को उनके स्वजनों से मिलवा चुका है।

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