भुवनेश्वर, ओडिशा के पारादीप बंदरगाह पर भीषण आग लग गई. आग लगने से कम से कम 17 नाव जलकर खाक हो गईं. इस दौरान, गैस का टैंक भी फट गया, जिससे लोग घबरा गए. आग बुझाने के लिए दमकल की 13 गाडिय़ों को बुलाया गया. इसके अलावा, कटक से भी दमकल की और गाडिय़ों को मंगवाना पड़ा. आग बुझाने के दौरान, एक व्यक्ति आग की चपेट में आ गया. वह इससे घायल हो गया. इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
दरअसल, पोर्ट के जेटी नंबर- 1 में खड़ी नाव पर सबसे पहले आग लगी, इसके बाद एक के बाद एक करके बाकी नावों में आग लग घई. आग इतनी भयंकर थी कि तीन किलोमीटर दूर से आग दिखाई दी.आग लगने के कारण मौके पर भीड़ न लगे, इसके लिए पारादीप, मरीन, जटाधार एस्टूरी, लॉक और अभयचंदपुर पुलिस स्टेशनों की पुलिस मौके पर पहुंच गई. आग लगने का असल कारण तो सामने नहीं आया है पर आशंका जताई जा रही है कि नाव में खाना पकाया जा रहा था, इस दौरान गैस रिसाव हो गया और आग लग गई. सबी नाव में डीजल और गैस के टैंक होते हैं, जिस वजह से आग आग काफी ज्यादा तेज फैल गई. आग जोर-जोर से जल रही थी. वजह थी कि नाव पर गैस, लकड़ी, जाल और फाइबर जैसी चीजें वहां थी. आग के कारण 10 से ज्यादा गैस के टैंक भी फट गए.
बता दें, मछली पकडऩे वाले के बंदरगाह में करीब 650 बड़ी नावें और 400 नौकाएं होती हैं. नौकाएं कई-कई दिनों तक समुद्र के गहरे पानी में मछली पकडऩे जाती हैं. इसलिए उनके पास 500 लीटर से लेकर 3000 हजार लीटर तक के डीजल भंडारण की क्षमता होती है. चूंकि नाव कई-कई दिनों तक समुद्र में ही रहती है, इसलिए खाना पकाने के लिए नाव में आवश्यक जाल, गैस सिलेंडर और लकडिय़ां वगैरह पड़ी होती हैं. इनकी वजह से आग और तेजी से फैल गई. आग पर काबू पा लिया गया है.