जड़ी बूटी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर 14 किसान सम्मानित

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श्रीनगर गढ़वाल : एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के उच्च शिखरीय पादप कार्यिकी एवं शोध केंद्र (हैप्रेक) में क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र हिमाचल प्रदेश, औषधीय पादप बोर्ड द्वारा जड़ी-बूटी कृषिकरण एवं व्यापार अवसर चुनौतियां विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर जड़ी-बूटी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर 14 किसानों को सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने बदलते दौर में स्मार्ट फार्मिंग की आवश्यकता पर जोर दिया।
सोमवार को हैप्रेक विभाग के केके नंदन मैमोरियल हाल में आयोजित कार्यशाला में बोलते हुए एनआईटी निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला शोधार्थियों और किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। कहा कि बदलते तकनीकों के साथ-साथ किसानों को व्यवस्थित तरीके से कृषिकरण करना होगा। उन्होंने कहा कि नए उद्यमियों के लिए यहां से एक मंच मिलेगा। जड़ी बूटी के क्षेत्र में जो काम हो रहा है अवश्य ही पहाड़ से हो रहे पलायन को रोकने में भी सिद्ध होगा। कहा कि एनआईटी भी इस क्षेत्र में हैप्रेक विभाग की मदद के लिए आगे आयेगा। इस मौके पर गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि किसानों को अपने पहाड़ों की परंपरा और धरोहरों के सहजने की जरूरत है। कहा कि प्रकृति ने जो हमें परंपरागत रूप से दिया है उसे इस तरह से संवारना होगा जिससे उस उत्पदा को बाजार मिल सके। उन्होंने सभी किसानों से धैर्य, धीरज और ईमानदारी से कार्य करने को कहा। विशिष्ट अतिथि जिला विकास प्रबंधन नाबार्ड भूपेंद्र सिंह ने भारत सरकार की ओर से कृषकों के लिए संचालित की जा रही योजनाओं को बताया। कहा कि नबार्ड के ओर से भारत सरकार की योजनाओं को क्रियान्वित कर कृषक उत्पादन संगठन (एफटीओ) के माध्यम से कृषकों के उत्पादक को बाजार दिया जा रहा है। अतिथियों का स्वागत हैप्रेक के विभागाध्यक्ष प्रो. एमसी नौटियाल तथा संचालन वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. विजयकांत पुरोहित ने किया। (एजेंसी)

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