अनंतनाग के 14 युवक बनने जा रहे थे आतंकी, पुलिस ने समझाकर परिजनों को सौंपा
श्रीनगर, एजेंसी। कश्मीर को फिर से जन्नत बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस व सेना दिन रात जुटी हुई है। वहीं पाकिस्तान में बैठे विभिन्न आतंकी संगठनों के सरगना घाटी में अपनी जड़े मजबूत बनाने के लिए सोशल मीडिया, आर्थिक लाभ का सहारा लेकर युवाओं को बरगलाने का प्रयास जारी रखे हुए हैं। आतंकवाद विरोधी अभियानों के साथ-साथ सुरक्षाबल आतंकवादी संगठनों की इन गतिविधियों पर भी निरंतर जारी रखे हुए हैं।
इसी अभियान के तहत अनंतनाग पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। अनंतनाग के विभिन्न इलाकों से आतंकवादी संगठनों में भर्ती होने पाकिस्तान जा रहे करीब 14 युवकों को पुलिस ने समझा-बुझाकर परिजनों को सौंपा है। इससे पहले कि ये युवक सरहद पार कर पाकिस्तान पहुंचते, समय रहते पुलिस को इस बारे में पता चल गया और उन्होंने इन युवकों को रास्ते में ही पकड़ लिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पिछले काफी दिनों से इन युवकों की काउंसिंग चल रही थी। अब उनके दिमाग में यह बात आ गई है कि आतंकवाद की राह पर उनकी मौत तो तय है, मरने के बाद परिजन की सुध लेने वाला भी कोई नहीं बचता।
अनंतनाग पुलिस ने स्वयं इस बात का खुलासा किया है। पुलिस ने कहा कि उनके लिए ये बहुत बड़ी सफलता है। इससे पहले कभी भी एक साथ इतनी संख्या में युवक आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए नहीं निकले थे। करीब 18 से 22 वर्ष की आयु के ये लड़के विभिन्न स्थानीय आतंकवादी संगठनों के ओवरग्राउंड वर्करों या फिर उनके सक्रिय सदस्यों के संपर्क में थे। वे इन्हें पिछले कई महीनों से जेहाद की राह पर चलने के लिए बरगला रहे थे। पाकिस्तान में स्थित आतंकवादियों ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से इन युवाओं को आतंकवादी संगठनों में भर्ती होने का कई तरह का लालच दिया, जिसके बाद ये तैयार हो गए थे।
एसएसपी अनंतनाग इम्तेयाज हुसैन ने बताया कि समय रहते उन्हें इस आतंकी साजिश का पता चल गया और इन युवकों को सीमा पार करने से पहले ही दबोच लिया। पिछले कई दिनों से इनकी काउंसलिंग की जा रही थी। आज इन्हें माता-पिता को सौंप दिया गया है। जिला पुलिस कार्यालय अनंतनाग में इस दौरान आयोजित सभा के दौरान एसएसपी ने एक बार फिर इन बच्चों व उनके अभिभावकों से बात की।
उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों के बारे में जागरूक रहें। सुनिश्चित करें कि उनके बच्चो को किसी तरह की कोई आपराधिक गतिविधि प्रभावित करने का मौका न मिले। सएसपी ने अभिभावकों से कहा कि ये युवा कश्मीर ही नहीं भारत देश की सबसे बड़ी संपत्ति हैं। इनका योगदान राष्ट्र निर्माण में होना चाहिए कि राष्ट्र के विरूद्घ। उन्होंने कहा कि यदि फिर से कोई आतंकी संगठन या उनके सहयोगी उनके बच्चों को बरगलाने का प्रयास करते हैं तो वे पुलिस को तुरंत इस बारे में सूचित करें।