देहरादून(। उत्तराखंड में खतरे वाले भवनों से स्कूलों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है। ऐसे 146 प्राइमरी स्कूलों को शिफ्ट कर दिया है। लगातार हो रही बरसात के बीच जो स्कूल खतरे की जद में आ रहे हैं, उनकी शिफ्टिंग के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारियों की जवाबदेही तय की गई है। वहीं, माध्यमिक स्कूलों में बंद पड़े पुराने भवनों को तोड़ने के आदेश भी जारी किए गए हैं। पिछले दिनों राजस्थान की घटना के बाद केंद्र के निर्देशों के बाद उत्तराखंड में भी स्कूल भवनों का सेफ्टी ऑडिट हो रहा है। इस बीच उत्तराखंड में जगह-जगह से जर्जर भवनों में पढ़ रहे छात्रों की तस्वीरें भी आ रही हैं। शिक्षा विभाग ऐसे सभी जर्जर स्कूलों को शिफ्ट कर रहा है। इन्हें किसी सरकारी या फिर किराए के भवनों में शिफ्ट किया जा रहा है। अपर निदेशक बेसिक शिक्षा पदमेंद्र सकलानी के मुताबिक 146 स्कूल शिफ्ट कर चुके हैं। जिन भी स्कूल भवनों को किसी तरह का खतरा है, उन्हें तत्काल शिफ्ट कर रहे हैं। पिछले दो दिन से हो रही बारिश में अगर कहीं किसी स्कूल भवन को खतरे की स्थिति पैदा हुई है तो उन्हें तत्काल शिफ्ट करने के लिए कहा गया है। इधर, माध्यमिक विद्यालयों में ऐसे सभी पुराने स्कूल भवनों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जहां इन भवनों को अब प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ.मुकुल कुमार सती ने बताया कि माध्यमिक स्कूलों में यह बात सामने आ रही थी कि स्कूल की नई बिल्डिंग में चल रहा है, लेकिन परिसर में ही पुराना भवन जर्जर स्थिति में हैं और इनसे खतरे की स्थिति हो सकती है। ऐसे सभी पुराने स्कूल भवनों को तोड़ने के लिए सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं, जो किसी तरह से अब प्रयोग में नहीं है। इस पर स्कूलों ने अमल करना भी शुरू कर दिया है। मालूम हो कि राज्य के 11सौ स्कूल भवनों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है, इनमें बड़े पैमाने पर ऐसे पुराने भवन भी शामिल हैं।