शिमला , देश भर में एक अप्रैल 16 जुलाई के बीच हुई भारी बारिश ने हिमाचल प्रदेश में 171 जिंदगियां लील लीं हैं। बारिश के कारण हुई मौतों के मामले में हिमाचल प्रदेश आंध्र प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है जहां इसी अवधि में 258 लोगों की मौत हुई है। गृहमंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गयी।
यह आंकड़ा आज लोकसभा में सांसदों सुधीर गुप्ता, मनीष जायसवाल, धैर्यशील संभाजीराव माने और चव्हाण रवींद्र वसंतराव के एक प्रश्न के उत्तर में साझा किया गया। जानकारी के अनुसार 171 लोगों की जान जाने के अलावा 23,818 मवेशी भी मारे गए, जो देश में सबसे ज़्यादा है। राज्य में बारिश से कुल 1,528 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। देश भर में बारिश के कारण कुल 51,699 मवेशी मारे गए, और हिमाचल प्रदेश का हिस्सा 46.1 प्रतिशत था।
आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश में 148 लोगों की जान गई। उसके बाद बिहार में 101 और कर्नाटक में 89 लोगों की जान गई। देश भर में कुल 1,297 लोगों की जान गई। पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर में 33 और पंजाब में 24 लोगों की जान गई। देश भर में इस बारिश में कुल 92,663 घर क्षतिग्रस्त हुए जिनमें सबसे ज़्यादा 39,810 घर असम में क्षतिग्रस्त हुए।
इसके अलावा देश भर में 1.54 लाख हेक्टेयर से ज़्यादा की फ़सलें बर्बाद हुईं जिनमें सबसे ज़्यादा नुकसान महाराष्ट्र में 91,429 हेक्टेयर, उसके बाद असम में 29,714.89 हेक्टेयर और कर्नाटक में 18,097 हेक्टेयर में हुआ। पंजाब में भी 3,569.11 हेक्टेयर से ज़्यादा फ़सलों को नुकसान हुआ। हिमाचल प्रदेश के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) का गठन कर दिया गया है ताकि राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया जा सके ताकि अचानक आई बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन किया जा सके।