19 नहरें और 463 करोड़ दे चुका है उत्तर प्रदेश
-उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के बीच पहले भी हो चुका है कुछ मामलों में समाधान
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच परिसंपत्तियों को लेकर गत दिवस दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच हुई बातचीत कामयाब रही। इससे पहले करीब दो साल पहले भी दोनों राज्यों के बीच कुछ मसलों का समाधान किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश की ओर से उत्तराखंड को अब तक सिंचाई विभाग की कुल 19 नहरें हस्तांतरित की गई हैं। विभिन्न विभागों की बकाया 463 करोड़ से ज्यादा राशि का भुगतान भी किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बीते रोज लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ वार्ता हुई। जिसमें उत्तर प्रदेश ने परिवहन निगम और वन निगम की बकाया राशि के भुगतान पर हामी भर दी है। साथ में सिंचाई विभाग की परिसंपत्तियों के हस्तांतरण को लेकर संयुक्त सर्वे किया जाएगा। इसमें हस्तांतरित की जाने वाली संपत्ति का निर्धारण किया जाएगा।
बीते दो वर्ष पहले भी दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्तियों के विवाद के समाधान को लेकर ठोस पहल हुई थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश की ओर से उत्तराखंड को 19 नहरें हस्तांतरित की गईं थीं। इसमें ऊधमसिंह नगर जिले की 20 व हरिद्वार जिले की चार नहरों के शीर्ष से 100 मीटर छोड़कर उत्तराखंड राज्य के अंतर्गत अंश को सिंचाई विभाग उत्तराखंड को देने पर सहमति बनी थी। यही नहीं उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगम को सामान्य भविष्य निधि अंशदान के अंतर्गत काटी गई कुल धनराशि 162.14 करोड़ उत्तराखंड ऊर्जा निगम को देने थे। इसीतरह उत्तराखंड ऊर्जा निगम को उत्तरप्रदेश को 160.58 करोड़ राजस्व देना था। इन दोनों देयताओं का आपस में समाधान करने के बाद उत्तरप्रदेश ने उत्तराखंड ऊर्जा निगम को 1.56 करोड़ का भुगतान कर दिया।
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की ओर से उत्तराखंड परिवहन विभाग को यात्री कर देयता के 8.27 करोड़ उपलब्ध कराए गए थे। इसीतरह पेंशन की राशि में से कुल 1659.91 करोड़ में से उत्तराखंड को 450 करोड़ दिए जा चुके हैं। उत्तरप्रदेश बीज विकास निगम नवंबर, 2019 में उत्तराखंड बीज व तराई विकास निगम को 1.80 करोड़ की राशि का भुगतान कर चुका है। उत्तरप्रदेश मत्स्य विकास निगम की ओर से उत्तराखंड राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण के खाते में 3.98 करोड़ की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। इसीतरह उत्तराखंड के सिडकुल को उत्तरप्रदेश दो करोड़ से ज्यादा बकाया राशि दे चुका है।