रुद्रपुर()। उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी परिषद ने राज्य निर्माण सेनानियों को आपातकाल के दौरान जेल गए लोकतंत्र सेनानियों की तर्ज पर एक समान 20 हजार रुपये मासिक पेंशन देने की मांग उठाई है। परिषद ने चार सूत्रीय मांगों को लेकर उपजिलाधिकारी तुषार सैनी के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा। बुधवार को परिषद के प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर भाटिया के नेतृत्व में राज्य आंदोलनकारी तहसील पहुंचे और चार सूत्रीय मांगें रखीं। इनमें राज्य आंदोलनकारियों को उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी के रूप में शासन द्वारा परिभाषित करने, लोकतंत्र सेनानियों की तरह 20 हजार रुपये मासिक पेंशन देने, राज्य के भीतर और बाहर बने सरकारी गेस्ट हाउसों में निःशुल्क ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराने और वंचित आंदोलनकारियों का शीघ्र चिह्नीकरण कर परिचय पत्र जारी करने की मांग शामिल है। सेनानियों ने चेतावनी दी कि यदि एक नवंबर तक मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे दो से नौ नवंबर तक देहरादून शहीद स्मारक पर अनशन करेंगे। यदि राज्य स्थापना दिवस (9 नवंबर) तक घोषणा नहीं हुई तो 10 नवंबर से आमरण अनशन शुरू किया जाएगा। इस दौरान राम सिंह धामी, राजकपूर, विशन सिंह भंडारी, धनी चंद, दया किशन, ललित चंद, मदन मोहन जोशी, मो. बदर सिद्दीकी, हरीश शर्मा, गंगोत्री देवी, बसंती देवी, कमला पांडेय, हरीश सुयाल, कौशल्या भंडारी, आदेश भटनागर, अनिल भटनागर आदि रहे।