गुम हो गए 2000 के गुलाबी नोट, मार्च अंत तक 2: से भी कम हुआ सर्कुलेशन
नई दिल्ली, एजेंसी। आजकल 2000 रुपये वाली लंबी गुलाबी नोट बाजार में बहुत कम नजर आती हैं। हमें पूरा यकीन है कि आपको भी ये गुलाबी नोट देखे बहुत दिन बीत गए होंगे। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में लगातार गिरावट आई है। इस साल मार्च के अंत तक कुल करेंसी नोटों की तुलना में 2000 करेंसी नोट का 1़6 प्रतिशत सर्कुलेशन हुआ है। इस साल मार्च तक सभी मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों की कुल संख्या 13,053 करोड़ थी, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 12,437 करोड़ थी। डिजिटल ट्रन्जैक्शन में बढ़ोतरी और 2000 हजार रुपये की नोट का कम इस्तेमाल इसका मुख्य कारण है।
मार्च 2020 के अंत तक 2000 रुपये के मूल्यवर्ग के नोटों के सर्कुलेशन की संख्या 274 करोड़ थी, जो प्रचलन में कुल करेंसी नोटों की संख्या का 2़4 प्रतिशत था। मार्च 2021 तक कुल बैंक नोटों की संख्या 245 करोड़ या यूं कहें कि 2 प्रतिशत तक गिर गई। वहीं, पिछले वित्त वर्ष के अंत तक यह 214 करोड़ या 1़6 प्रतिशत तक गिर गई। 2000 रुपये मूल्यवर्ग के नोट प्रचलन में मुद्रा नोटों के कुल मूल्य के 22़6 प्रतिशत से मार्च 2021 के अंत में 17़3 प्रतिशत से घटकर मार्च 2022 के अंत में 13़8 प्रतिशत हो गई।
रिपोर्ट के अनुसार इस साल मार्च के अंत में प्रचलन में 500 रुपये मूल्यवर्ग के नोटों की संख्या बढ़कर 4,554़68 करोड़ हो गई, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 3,867़90 करोड़ थी। आरबीआइ ने शुक्रवार को 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि सबसे ज्यादा 500 रुपये की नोट मूल्यवर्ग की 34़9 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, इसके बाद 10 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट थे, जो 31 मार्च 2022 तक प्रचलन में कुल बैंक नोटों का 21़3 प्रतिशत था।
मार्च 2021 के अंत में 500 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी 31़1 प्रतिशत और मार्च 2020 तक 25़4 प्रतिशत थी। मूल्य के संदर्भ में ये नोट मार्च 2020 से मार्च 2022 तक 60़8 प्रतिशत से बढ़कर 73़3 प्रतिशत हो गए। इस साल मार्च के अंत में सभी मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों का कुल मूल्य बढ़कर 31़05 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो मार्च 2021 के अंत में 28़27 लाख करोड़ रुपये था।
रिपोर्ट ने कहा गया कि मूल्य के संदर्भ में 500 और 2000 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी 31 मार्च 2022 तक प्रचलन में बैंक नोटों के कुल मूल्य का 87़1 प्रतिशत थी, जबकि मार्च, 2021 के अंत में 85़7 प्रतिशत थी। 2021-22 के दौरान प्रचलन में बैंक नोटों के मूल्य और मात्रा में क्रमश: 9़9 प्रतिशत और 5 प्रतिशत की वृद्घि हुई, जबकि 2020-21 के दौरान क्रमश: 16़8 प्रतिशत और 7़2 प्रतिशत की वृद्घि हुई।
करंसी इन सर्कुलेशन (ब्पब्) में बैंकनोट और सिक्के शामिल हैं। वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक (त्ठप्) 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये के मूल्यवर्ग में बैंक नोट जारी करता है। सिक्कों में 1 रुपये के सिक्के, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये मूल्यवर्ग के सिक्के प्रचलन में हैं।