नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए आबकारी विभाग के 22 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़ी है, जो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सामने आया था।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट किया है कि कोई भी कितना भी वरिष्ठ क्यों न हो, अगर उसने जनता के विश्वास के साथ धोखा किया है, तो कानून से नहीं बच सकता। सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति को केवल कागजों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे जमीन पर उतारा है। सरकार ने विभिन्न विभागीय मोबाइल ऐप्स और ई-ऑफिस प्रणाली के जरिए सरकारी कामकाज को डिजिटल बनाया है। इससे न केवल फाइलों की प्रक्रिया तेज हुई है, बल्कि जनता की शिकायतों का निपटारा भी त्वरित और ट्रैक करने योग्य बन गया है। सरकार की यह कार्रवाई केवल आबकारी विभाग तक सीमित नहीं है। सरकार सिस्टम में मौजूद कमजोर कड़ियों की पहचान कर रही है और संस्थागत सुधारों की दिशा में आगे बढ़ रही है।
00