बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में लगी आग, 26 मरीजों को निकाला गया

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बेंगलुरु , बेंगलुरु के सरकारी विक्टोरिया अस्पताल में मंगलवार को आग लगने की घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि अस्पताल के बर्न वार्ड में अचानक आग लग गई, जिसके बाद सभी 26 मरीजों को सुरक्षित दूसरे ब्लॉक में शिफ्ट किया गया।
पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, मंगलवार तड़के करीब 3 बजे स्विचबोर्ड में शॉर्ट सर्किट की वजह से बर्न वार्ड में आग लगी। इस घटना में एक बिस्तर, रजिस्टर बुक और अन्य उपकरण जलकर खाक हो गए।
आग और धुएं ने बर्न वार्ड के ग्राउंड फ्लोर को अपनी चपेट में ले लिया। रात के समय ड्यूटी पर तैनात डॉ. दिव्या ने सबसे पहले आग और धुआं देखा और तुरंत अधिकारियों को सूचित किया। इसके बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने सभी 26 मरीजों को एच ब्लॉक के दूसरे वार्ड में सुरक्षित पहुंचाया।
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि घटना के समय बर्न वार्ड में 14 पुरुष, पांच महिलाएं और सात बच्चे भर्ती थे।
पुलिस ने बताया कि डॉ. दिव्या ने सुबह करीब 3.30 बजे अस्पताल के सेमिनार हॉल में आग और धुआं देखा। उन्होंने तुरंत अपने सहयोगियों को सूचित किया और मरीजों को निकालने की प्रक्रिया शुरू की।
उन्होंने अस्पताल के अधीक्षक को फोन किया और पुलिस व फायर कंट्रोल रूम को भी सूचना दी। 30 मिनट के अंदर सभी मरीजों को सुरक्षित स्थानांतरित कर दिया, जिनमें आईसीयू में भर्ती मरीज भी शामिल थे। फायर और इमरजेंसी सर्विसेज की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया।
इससे पहले, 19 फरवरी, 2024 को बेंगलुरु के पास एक परफ्यूम गोदाम में भीषण आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना बेंगलुरु के पश्चिमी बाहरी इलाके रामसमुद्र में गोदाम में हुई थी।
20 मार्च, 2024 को बेंगलुरु के जे.पी. नगर में एक परिवार के तीन लोगों की आग लगने से मौत हो गई थी, जिसमें एक मां और उसके दो बेटे शामिल थे।
इसके अलावा, 1 मई को बेंगलुरु में गैस सिलेंडर लीक होने से लगी आग में एक व्यक्ति और उसके पड़ोसी की मौत हो गई थी और तीन अन्य घायल हो गए थे।
मदनायकनहल्ली पुलिस ने एलपीजी सिलेंडर लीक होने के आरोप में एक पीड़ित के 18 वर्षीय बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
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