धराली में फंसे केरल के 28 पर्यटकों का पता चल गया, सभी सुरक्षित

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उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के धाराली में बादल फटने के बाद लापता लोगों में दक्षिणी राज्य केरल के भी 28 लोग शामिल थे। उन्हें लेकर उनके परिवारवाले काफी परेशान थे। आलम यह था कि जिस ट्रेवल एजेंसी ने उनके इस टूर की जिम्मेदारी ली थी, वह भी इस मामले में चुप थी। कोई अपडेट नहीं मिल पा रहा था। दो दिन बाद सभी 28 पर्यटकों का पता चल गया है। अच्छी बात यह है कि सभी सुरक्षित हैं। ये ताजा जानकारी खुद इनके परिवारवालों ने दी है।
कोच्चि के एक दंपति के रिश्तेदार, जो टूर ग्रुप का हिस्सा थे, ने बताया कि रक्षा सूत्रों ने उन्हें जानकारी दी कि सभी 28 पर्यटक सुरक्षित हैं। अंबिली एन नायर, जो एक रिश्तेदार हैं, ने बताया, “हमें रक्षा सूत्रों से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, वे सुरक्षित हैं, लेकिन अभी भी बस में फंसे हुए हैं और कहीं जा नहीं सकते। उनमें से ज्यादातर 55 साल से ऊपर के हैं। सेना के जवान भी वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं जहां उनकी बस फंसी है।” उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में मलयालम समाज ने भी पुष्टि की है कि पर्यटक सुरक्षित तो हैं लेकिन फंसे हुए हैं।
अंबिली ने सुबह मीडिया को बताया कि 28 लोगों में से 20 केरल के हैं जो महाराष्ट्र में बसे हुए हैं, जबकि बाकी आठ केरल के अलग-अलग जिलों से हैं। उन्होंने बताया कि दंपति के बेटे ने उनसे एक दिन पहले आखिरी बार बात की थी। उन्होंने कहा था, “उन्होंने बताया था कि वे उस दिन सुबह करीब 8:30 बजे उत्तरकाशी से गंगोत्री के लिए निकल रहे हैं। भूस्खलन उसी रास्ते पर हुआ है। उनके निकलने के बाद से हम उनसे संपर्क नहीं कर पाए हैं।” उन्होंने बताया कि हरिद्वार स्थित ट्रैवल एजेंसी, जिसने 10 दिनों के उत्तराखंड दौरे का इंतजाम किया था, वह भी समूह के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रही थी। उन्होंने कहा, “अब तक उनके फोन की बैटरी खत्म हो गई होगी। उस क्षेत्र में अभी कोई मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है।” मंगलवार दोपहर को बादल फटने के बाद उत्तराखंड के एक नाजुक पारिस्थितिक क्षेत्र धराली में आई आपदा में कम से कम चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। अधिकारियों ने बताया कि धराली का लगभग आधा हिस्सा कीचड़, मलबा और पानी के एक विशाल भूस्खलन में दब गया। यह गांव गंगोत्री, जो गंगा का उद्गम स्थल है, के रास्ते में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और यहां कई होटल और होमस्टे हैं।

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