सिविल अस्पताल में 3 मौतों के बाद एक्शन, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट समेत 3 डॉक्टर सस्पेंड; हाउस सर्जन बर्खास्त

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जालंधर ,जालंधर सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने से तीन मरीजों की दर्दनाक मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रथम दृष्टया जांच में अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही पाए जाने के बाद मेडिकल सुपरिंटेंडेंट (रूस्) समेत तीन वरिष्ठ डॉक्टरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक हाउस सर्जन को सीधे तौर पर बर्खास्त कर दिया गया है।
घटनास्थल का दौरा करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि यह हादसा प्रबंधन स्तर पर हुई भारी चूक का नतीजा है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा, अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट में दो मशीनें और प्रेशर कम होने की स्थिति के लिए चार बैकअप सोर्स मौजूद हैं। इसके बावजूद ऐसा हादसा होना असहनीय है। मंत्री ने यह भी खुलासा किया कि सरकार ने पहले ही अस्पताल को निर्बाध बिजली सप्लाई के लिए हॉटलाइन कनेक्शन और पावर बैकअप हेतु फंड मुहैया करा दिए थे, लेकिन प्रबंधन की खामियों के कारण मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
इस मामले में की गई कार्रवाई के तहत कई अधिकारियों पर गाज गिरी है। निलंबित किए गए अधिकारियों में मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राज कुमार, एसएमओ डॉ. सुरजीत सिंह और एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. सोनाक्षी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए हाउस सर्जन डॉ. शमिंदर सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि यह सिर्फ निलंबन नहीं है, बल्कि एक कड़ा संदेश है। उन्होंने कहा, टेक्निकल टीम और डिप्टी डायरेक्टर की अंतिम रिपोर्ट के आधार पर यदि इन पर दोष साबित हो गया तो इन्हें सेवा से बर्खास्त भी किया जाएगा। अगर ये कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए तो इन्हें अपनी पूरी जिंदगी के लिए नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।
डॉ. बलबीर सिंह ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि अस्पताल में स्टाफ की कोई कमी नहीं थी। उन्होंने बताया कि 49 इंटरनल मेडिकल अधिकारी, 46 ट्रेनी डॉक्टर, 14 हाउस सर्जन और 17 मेडिकल अधिकारी होने के बावजूद यह घटना केवल कुछ अधिकारियों के गैर-जिम्मेदाराना रवैये के कारण हुई, जिसके चलते तीन लोगों की जान चली गई। इसी आधार पर यह सख्त कार्रवाई अमल में लाई गई है।
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