श्रीलंका में चक्रवात दित्वाह से हुई 334 लोगों की मौत, भारत ने फंसे नागरिकों को निकाला

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कोलंबो,। श्रीलंका में तूफानी चक्रवात दित्वाह ने भारी तबाही मचाई है। देश के आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, चक्रवात के कारण श्रीलंका में 334 लोगों की मौत हुई है। इसी तरह च्रकवात के कारण आई भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के चलते 370 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। डीएमसी ने कहा कि चक्रवात के कारण 3.09 लाख परिवारों के 11.18 लाख लोग प्रभावित हुए। राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है।
चक्रवात की तबाही के बाद अब श्रीलंकाई अधिकारी बचाव अभियान में जुटे हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की टीम ने कोलंबो के कोच्चिकाडे में बचाव अभियान चलाया है। कोलंबो जिला सचिव प्रसन्ना गिनिगे ने केलानी नदी के ऊपरी मध्य पहाड़ी अपवाह से खतरनाक स्तर तक उफान पर होने के कारण अलर्ट जारी किया है, जिससे संवेदनशील इलाकों के स्कूलों को विस्थापित निवासियों के लिए राहत केंद्रों में बदल दिया गया है।
इधर, श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग भी बचाव अभियान में जुटा हुआ। उसने सोशल मीडिया पर लिखा, श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ मिलकर काम करते हुए उन्होंने गंभीर बाढ़ से प्रभावित परिवारों की सहायता की और तत्काल सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद की है। इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने चक्रवात के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है।
एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि भारत ने रविवार को भारतीय वायुसेना के विमान के जरिए श्रीलंका में फंसे 300 से अधिक भारतीय नागरिकों को तिरुवनंतपुरम पहुंचाया गया है। चक्रवात आपदा के बाद राहत सामग्री पहुंचाने के लिए श्रीलंका भेजे गए वायुसेना के आईएल-76 और सी-130जे विमानों ने कोलंबो में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद यात्रियों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था भी की गई है।

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