नई दिल्ली , दक्षिणी दिल्ली जिला पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 40 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, इन सभी के पास से बरामद दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। फिलहाल, पुलिस इन बांग्लादेशियों के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए दक्षिणी जिला पुलिस ने एक सत्यापन अभियान चलाया और इन 40 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा।
पुलिस हिरासत में लिए गए सभी घुसपैठियों की पृष्ठभूमि की गहन जांच कर रही है। पुलिस यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि ये लोग कब और किस तरह से भारतीय सीमा में दाखिल हुए और इनके पीछे कौन से दलाल या संगठित नेटवर्क काम कर रहे हैं। पुलिस का मुख्य उद्देश्य उस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करना है जो इन अवैध गतिविधियों में शामिल है।
पुलिस के अनुसार, पकड़े गए बांग्लादेशियों के पास से मिले ज्यादातर दस्तावेज पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों के बने हुए हैं। जांच में पता चला है कि बंगाल में सक्रिय दलाल इन लोगों को सीमा पार कराकर भारत में प्रवेश कराते हैं और फिर उन्हें फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराते हैं। पुलिस न केवल दस्तावेजों की जांच कर रही है, बल्कि उनके मोबाइल फोन को भी खंगाल रही है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अक्सर इन घुसपैठियों के मोबाइल फोन में बांग्लादेश में रहने वाले उनके रिश्तेदारों के नंबर मिलते हैं। ऐसे में, पूछताछ के दौरान थोड़ी सख्ती दिखाने पर वे अपने रिश्तेदारों को फोन करके अपनी बांग्लादेशी नागरिकता पहचान से संबंधित दस्तावेज मंगवा लेते हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए सीमा पार करके पश्चिम बंगाल पहुंचते हैं, जहां से वे ट्रेनों में सवार होकर दिल्ली और आसपास के राज्यों में आते हैं। यहां पहुंचने पर, उन्हें रिसीवर मिलते हैं जो उन्हें दिहाड़ी मजदूरी, कूड़ा बीनने, रेहड़ी-पटरी लगाने या ढाबों पर काम करने जैसे कामों में लगा देते हैं। दक्षिणी पूर्वी जिला पुलिस ने हाल ही में पकड़े गए एक गिरोह में ऐसे कई लोगों को शामिल पाया था, जिन्हें इस तरह से काम पर लगाया गया था। पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से छानबीन कर रही है।
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