यूओयू में बगैर मान्यता के 475 छात्रों को बीएड में प्रवेश

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हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में बीएड के 475 छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया। विवि ने इन छात्रों को यूजीसी की मान्यता लिए बिना प्रवेश दे दिया। इससे छात्र परेशान हैं। विवि की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, यूओयू में साल 2020 से बीएड पाठ्यक्रम शुरू किया गया। अब तक चार बैच पास हो चुके हैं। इस बार विवि ने बीते साल 15 नवंबर से बीएड पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू की। इन छात्रों की पढ़ाई को यूजीसी ने मान्यता नहीं दी।इसलिए आई अड़चन: नेशनल काउंसलिंग फॉर टीचर्स एजुकेशन(एनसीईटी) बीएड की पढ़ाई के लिए मान्यता देती है। हाल में यूजीसी ने देशभर की सभी विवि से बीएड की पढ़ाई के लिए हर साल मान्यता लेने की बात कही थी। लेकिन यूओयू मान्यता नहीं ले पाया। इसके बाद छात्रों के भविष्य की संकट की स्थिति बनी तो मान्यता लेने की प्रक्रिया शुरू की गई। यूओयू में शिक्षाशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डिकर सिंह पडियार ने बताया कि अब विवि ने एनसीटीई से मान्यता ले ली है और इसे यूजीसी में जमा करा दिया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही विवि ने जिन छात्रों को बीएड में प्रवेश दिया है, उनके प्रवेश यूजीसी से स्वीकृत होने की उम्मीद है।
छात्रों को होगी परेशानी: जिन छात्रों ने बीएड में प्रवेश लिया है, उनका कहना है कि जब विवि के पास बीएड पाठ्यक्रम संचालन की अनुमति नहीं थी तो उन्हें प्रवेश क्यों दिया गया। उनका कहना है कि इससे उनके समय की बर्बादी के साथ अब तक उपलब्ध कराए पाठ्यक्रम को लेकर भी उहापोह की स्थिति है। विवि को छात्रों को स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए थी।
प्रवेश के बाद कुछ दिक्कत आ गई। इसे लेकर यूजीसी में लगातार बात की जा रही है। यदि इस सत्र में बीएड की पढ़ाई के लिए इजाजत नहीं मिल पाई तो इन छात्रों को अगले सत्र में प्रवेश दिया जाएगा। इन छात्रों की कोई परीक्षा नहीं होगी। – प्रो. ओपीएस नेगी, कुलपति यूओयू

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