उत्तराखंड

केमुना क्रेडिट सोसायटी के संचालक को 5साल का कठोर कारावास

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

बागेश्वर। सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे ने केमुना क्रेडिट सोसायटी के संचालक को पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। इसी मामले में दो अन्य को तीन-तीन साल का सश्रम करावास और 20 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। घटनाक्रम के अनुसार प्रदीप कुमार अस्थाना की कंपनी केमुना क्रेडिट को-अपरेटिव सोसायटी लि़ बी-3 सेक्टर एल कम्प्लेक्स अलीगंज लखनऊ पर 25 लाख का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी द्वारा जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर संबंधित खाताधारकों को उचित शिनाख्त के बाद शेष राशि से प्रतिपूर्ति किए जाने का आदेश दिया गया था। न्यायालय द्वारा उत्तराखंड में धारा-3 उत्तराखंड निक्षेपक(जमाकर्ता) हित संरक्षण अधिनियम 2005 का यह दूसरा ऐतिहासिक निर्णय है। इसमें बागेश्वर जिले की जनता को अधिक ब्याज का प्रलोभन देकर अभियुक्तों ने धोखाधड़ी की थी। थाना बैजनाथ में दो नवंबर 2020 को हरीश चंद्र सिंह बिष्ट निवासी ग्राम दर्शानी ने सासोयटी के विरुद्घ धोखाधड़ी में तहरीर दी थी। मामले में बैजनाथ थाने में धारा 420, 406, 409, एवं 3 यूपी आईडी एक्ट 2005 में मामला दर्ज किया गया। कंपनी ने खाता धारकों और निवेशकों को आरडी व एफडी की परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी पैसा नहीं लौटाया। मामले की विवेचना एसआई पंकज जोशी ने की। एक अन्य मामले में अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता गोविंद बल्लभ उपाध्याय और जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता चंचल पपोला ने पैरवी की। मामले में 12-12 गवाह पेश किए गए। गवाहों को सुनने और पत्रावलियों के अवलोकन के बाद न्यायाधीश ने सोसायटी के संचालक प्रदीप अस्थाना को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। वहीं दीपक राम व जयपाल पालनी को तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कंपनी पर बागेश्वर कोतवाली में भी मामला दर्ज किया गया था। बागेश्वर वाले मामले में कपंनी पर 80 लाख और बैजनाथ के मामले में 20 लाख का जुर्माना लगाया गया है। इससे खाताधारकों की राशि लौटाई जाएगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!