उत्तराखंड

50 साल पहले आईएमए से पास आउट अफसर दोबारा पहुंचे

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। 50 साल पहले भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून से पास आउट हुए अफसर वापस आईएमए पहुंचे तो पुरानी यादें साझा करते नजर आए। इस दौरान उनकी तब और अब की तस्वीरों की यादों व्यक्तिगत विवरण के साथ बनाकर कफी टेबल बुक भी जारी की गई। आईएमए में 1972 में 50वें रेगुलर और 34वें टेक्निकल कोर्स में 404 सेकेंड लेफ्टिनेंट पास आउट हुए थे। जिनमें 133 सदस्य अपने परिवार के साथ शामिल हुए। यह 14 से 16 दिसंबर तक आईएमए में रहे। आईएमए की जन संपर्क अधिकारी ले़क कर्नल इशानी मैत्रा ने बताया कि इस बैच के पास आउट कैडेट सेना में द्वितीय लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन हुए। यह रैंक अब सैन्य इतिहास की किताबों तक सीमित है। अब यहां से सीधे लेफ्टिनेंट पास आउट होते हैं। दिसंबर 1972 के इस बैच से भारतीय सेना में 10 लेफ्टिनेंट जनरल, 13 मेजर जनरल और 46 ब्रिगेडियर दिए। बैच के दिग्गजों ने एक वीर चक्र, पांच सेना मेडल (शौर्य), पांच पीवीएसएम, तीन यूवाईएसएम, 24 एवीएसएम, एक वाईएसएम, 29 वीएसएम और पचास से अधिक प्रशस्ति पत्र अर्जित करके अपना साहस साबित किया है। बैच के एक अधिकारी मेजर रंजीत मुथन्ना ने श्रीलंका में सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। इस बैच के पांच अधिकारियों को पाकिस्तान, जर्मनी, तुर्की, नाइजीरिया और सऊदी अरब जैसे देशों में श्डिदेंस अताशेश् का राजनयिक कार्यभार मिला। इस बैच के 94 सदस्य अब इस दुनिया में नहीं रहे। इस मौके पर पूर्व अफसरों ने एक दूसरों के परिवार का हाल जाना और सम सामयिक परिस्थितियों पर भी चर्चा की। मौके पर 50 विदेशी फूलों के पौधे भी रोपे गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!