ऋषिकेश(। एम्स ऋषिकेश के विभिन्न विभागों में तैनात 56 संविदा कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इससे नाराज कर्मचारियों ने मंगलवार को एम्स प्रशासनिक भवन के समक्ष प्रदर्शन किया। धरने पर बैठे कर्मचारियों ने नियुक्ति को बरकरार रखने की मांग करते हुए वर्ष 2017 में चौथी वित्त समिति के स्वीकृत वेतन वृद्धि का लाभ देने का मुद्दा भी उठा दिया है। मामले में एम्स ऋषिकेश प्रशासन अब निदेशक स्तर से होने वाले फैसले का इंतजार कर रहा है। मंगलवार को एम्स के प्रशासनिक भवन में निकाले गए 56 संविदा कर्मी बहाली की मांग को लेकर हड़ताल पर डटे नजर आए। कर्मचारी अनुराग पंत ने बताया कि सभी कर्मचारियों की तैनाती एम्स में वर्ष 2015-16 में की गई थी। इसके बाद से वह संविदा में हर 11 महीने में सेवा विस्तार के साथ निरंतर काम करते आ रहे हैं। नियमित तैनाती के लिए विभिन्न न्यायालयों में भी मामला लंबित है, जिसमें संस्थान को स्पष्ट आदेश है कि अंतिम आदेश आने तक कर्मचारियों की सेवा को बरकरार रखा जाए। बावजूद, दो सितंबर को अचानक सभी कर्मचारियों को कार्यकाल समाप्ति का फरमान सुना दिया गया है। कर्मचारी कलश जोशी ने कहा कि स्वीकृत वेतनवृद्धि का लाभ अब तक उन्हें नहीं दिया गया है। नए कर्मचारियों को बढ़े हुए वेतन का लाभ मिल रहा है। उनका कार्यकाल भी नियमित रूप से बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने संस्थान की इस विसंगति को पक्षपाती भी बताते हुए अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है। बताया कि इस मामले में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से कोई ठोस जवाब नहीं मिला है। महज सक्षम प्राधिकारी के पास मामला लंबित होने की बात ही कही जा रही है। यह भी आरोप लगाया कि उन्हें आउटसोर्सिंग पदों पर शामिल होने का दबाव डाला जा रहा है। सेवा विस्तार और वेतन वृद्धि मांग दोहराते हुए कहा कि जब इसपर फैसला नहीं आता है, तो वह प्रशासनिक भवन से नहीं हटने वाले हैं। कर्मचारियों में दीपक बिष्ट, राहुल, त्रिलोक खरोला, अश्वनी कुमार, दानिश, लोकेंद्र बिष्ट, पंचम बिष्ट, नीलम आदि शामिल हैं।