बिग ब्रेकिंग

सतपुली झील निर्माण को नाबार्ड से 5634.97 लाख स्वीकृत : महाराज

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

शासन से वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति के बाद जल्द होगा निर्माण कार्य शुरू
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : नाबार्ड द्वारा सतपुली झील निर्माण योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। स्वीकृति की प्रत्याशा में इसकी टेंडर प्रक्रिया पूर्व में ही पूरी की जा चुकी है। शासन द्वारा वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात शीघ्र ही कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश के सिंचाई मंत्री और चौबट्टाखाल विधायक सतपाल महाराज ने बताया कि नाबार्ड द्वारा 5634.97 लाख की लागत से बनने वाली महत्वपूर्ण सतपुली झील निर्माण योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। झील निर्माण की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति हेतु शासन को भेज दी गई है। सिंचाई मंत्री श्री महाराज ने कहा कि सतपुली झील निर्माण की स्वीकृति की प्रत्याशा में इसके निर्माण की टेण्डर प्रक्रिया पूर्व में ही पूर्ण की जा चुकी है। शासन द्वारा वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात शीघ्र ही सतपुली झील का निर्माण कार्य प्रारंभ करने के आदेश कर दिए जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताते हुए कहा कि सतपुली झील निर्माण मुख्यमंत्री धामी की भी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल था इसलिए इसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो पाया है। वर्ष 2017 में सिंचाई एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज अपनी विधानसभा क्षेत्र चौबट्टाखाल के तहत सतपुली में एक झील निर्माण का प्रस्ताव रखा। महाराज की सोच थी कि इस झील के बनने से सतपुली में वाटर स्पोट्र्स एक्टिविटीज शुरू होंगी और लैंसडाउन व देवप्रयाग क्षेत्र में आने वाले सैलानियों का फुटफॉल सतपुली व नयार घाटी की तरफ बढ़ेगा क्योंकि सतपुली जहां लैंसडाउन से 30 किमी. व देवप्रयाग से 40 किमी. की दूरी पर स्थित है, ऐसे में पर्यटक आसानी से सतपुली आकर झील में नौकायन व वाटर स्पोट्र्स का आनंद ले सकेंगे और यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा। 2022 में जब पूनरू राज्य में भाजपा सरकार सत्तारुढ़ हुई और सतपाल महाराज को पर्यटन के साथ साथ सिंचाई महकमें की कमान मिली तो उन्होंने इसे अपनी प्राथमिकताओं रखते हुए प्रयास शुरू कर दिए, अंतत: उनके इस ड्रीम प्रोजेक्ट को नाबार्ड से 5634.97 लाख की धनराशि के बजट स्वीकृति मिलने के बाद सतपुली झील के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!