66 हजार से अधिक श्रद्धालु कर चुके चारधाम के दर्शन
देहरादून। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज के दिशा-निर्देश में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड द्वारा प्रदेश के लोगों के लिए चार धाम यात्रा का 1 जुलाई से शुभारंभ हुआ जबकि 25 जुलाई से कुछ प्रावधानों के साथ चार धाम यात्रा सभी के लिए शुरू हुई। ज्ञातब्य है कि प्रदेश के मुख्य सचिव ओमप्रकाश एवं पर्यटन- सचिव दिलीप जावलकर ने चारधाम यात्रा को सुचारू किये जाने हेतु सरकार के निर्णयों का बेहतर कार्यान्वयन किया है। उल्लेखनीय है कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा चार धाम तीर्थयात्रा हेतु उत्तराखंड से बाहर के तीर्थ यात्री 72 घंटे पूर्व की इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से प्रमाणित लैब से कोरोना जांच की नैगेटिव रिपोर्ट अथवा क्वारंटीन अवधि का प्रमाण के मानक को समाप्त कर दिया गया है। अब स्वास्थ्य मानको का पालन कर देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट से देश के अन्य प्रांतों के लोग आसानी से चारधाम यात्रा ई पास बना सकते है। आज शाम तक उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट से 3646 लोगों ने चार धामों हेतु ई -पास बुक कराये हैं।जिसमें श्री बदरीनाथ धाम के लिए 1249 श्री केदारनाथ धाम के लिए 1854 श्री गंगोत्री धाम हेतु 291 श्री यमुनोत्री धाम हेतु 252 लोगों ने ई पास बुक कराये है। आयुक्त गढ़वालध्उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने यह जानकारी दी है कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा श्री यमुनोत्री धाम एवं गंगोत्री धाम में न्यासियों, हकूकधारियों के सहयोग हेतु देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों की तैनाती की है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अधिनियम के तहत हक हकूकधारियों के सभी हित सुरक्षित हैं। कहा कि देवस्थानम द्वारा अब प्रदेश से बाहर लोगों को कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट एवं क्वारंटीन की शर्तों को हटा दिया गया है। जिससे ई पास की संख्या बढ़ी इसी के मद्देनजर चमोली एवं उत्तरकाशी जिलाधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर चारों धामों में अधिक तीर्थयात्रियों को आने की अनुमति दी गयी है। इसी अनुसार तीर्थयात्रियों हेतु स्वास्थ्य,आवास,भोजन, परिवहन सहित आवश्यक सुविधाएं जुटायी गयी हैं। अब श्री बदरीनाथ धाम हेतु 3000 (तीन हजार) श्री केदारनाथ हेतु 3000 (तीन हजार)श्री गंगोत्री 900 (नौ सौ)तथा श्री यमुनोत्री 700 (सात सौ) तीर्थयात्री प्रति दिन दर्शन को पहुंचेंगे। इस तरह 7600 (सात हजार छह सौ) तीर्थयात्री चार धाम दर्शन हेतु आ सकेंगे। इसमें हेलीकॉप्टर से आनेवाले तीर्थयात्रियों की संख्या शामिल नहीं रहेगी। पहले यह संख्या अब चारों धामों हेतु 3000 (तीन हजार ) मात्र थी। अब कोरोना रिपोर्ट की ई पास हैतु जरूरत नहीं है। देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाइट से ई -पास बनाकर सभी प्रदेशों के श्रद्धालुओं को कोरोना बचाव स्वास्थ्य मानकों के साथ चार धाम यात्रा की अनुमति है। चार धामों में तीर्थयात्रियों को मंदिरों में दर्शन हो रहे है जिसमें किसी तरह का कोई अवरोध नहीं है।चारधाम यात्रा के अच्छे परिणाम आये हैं। कोरोना महामारी से बचाव एवं रोकथाम हेतु थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन के पश्चात ही मंदिरों में तीर्थ यात्रियों को प्रवेश दिया जा रहा है। मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है अभी मंदिरों में निर्धारित दूरी से देव दर्शन हो रहे हैं ताकि शोसियल डिस्टेंसिंग बनी रहे तथा कोरोना बचाव के मानकों का पालन हो सके।
यात्रा मार्ग पर देवस्थानम बोर्ड के यात्री विश्राम गृहों को तीर्थ यात्रियों की सुविधा हेतु खोला जा चुका है। आवास के अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं, जन सुविधाओं आदि की व्यवस्थायें चाकचैबंद की गयी है। तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके। यह कोशिश रहे कि दर्शन के पश्चात तीर्थ यात्री निकटवर्ती स्टेशनों तक वापस आ जाये। मौसम तथा सड़कों की स्थिति की जानकारी रखें। सड़को की स्थितिअब सामान्य है। यात्रा मार्ग खुले हुए हैं। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि चारों धामों में धीरे-धीरे तीर्थ यात्रियों की आमद हो ताकि पर्यटन एवं तीर्थाटन को गति मिल सके। अब उत्तराखंड से बाहर के लोग भी बिना कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के चारधाम यात्रा हेतु ई पास बनाकर एवं स्वास्थ्य संबंधी मानक पूरे कर यात्रा कर सकते हैं। केवल कोरोना के लक्षणवाले लोगों के पाजिटिव रिपोर्ट आने पर चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं होगी जब तक कि उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ जाती। सामान्य जांच में कोरोना के लक्षण पाये जाने पर संबंधित जिला प्रशासन यात्री का कोविड-19 आरटी पीसीआर टेस्ट करवायेंगे। हेली काप्टर से आने वाले तीर्थयात्रियों को ई पास से छूट दी गयी है तथा हेली से दर्शन को पहुंचनेवाले तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य जांच की जिम्मेदारी संबंधित हेली कंपनी की होगी। अपर मुख्य