अल्मोड़ा। लमगड़ा थाना क्षेत्र के एक बुजुर्ग को मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर सात लाख बीस हजार रुपये की ठगी करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने मध्य प्रदेश के खरगौन जिले से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरोह खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर पीड़ित को वीडियो कॉल के जरिये ‘डिजिटल अरेस्ट’ की धमकी दे रहा था। लमगड़ा निवासी जीवन सिंह मेहता ने बीती 21 फरवरी को थाने में तहरीर दी। तहरीर में कहा कि 13 से 17 जनवरी के बीच उन्हें लगातार वीडियो कॉल कर खुद को केंद्रीय जांच एजेंसी का अधिकारी बताने वाले व्यक्ति ने धमकाया कि उनका आधार और पैन कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इस्तेमाल हुआ है। पीड़ित को झूठे केस में फंसाने, गिरफ्तारी और यहां तक कि एनकाउंटर की धमकी देकर डराया गया। ठगों ने लगातार कॉल में बुजुर्ग को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर विश्वास में लिया और तीन किस्तों में कुल 7.20 लाख रुपये बताए गए बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए। लंबे समय तक जब पैसे नहीं लौटे और कॉल करने वालों के नंबर बंद हो गए, तब जाकर पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ। एसएसपी अल्मोड़ा देवेंद्र पींचा के निर्देश पर थानाध्यक्ष लमगड़ा राहुल राठी और एसओजी प्रभारी भुवन जोशी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। अपर पुलिस अधीक्षक हरबंस सिंह और क्षेत्राधिकारी गोपाल दत्त जोशी के पर्यवेक्षण में जांच को आगे बढ़ाया गया। साइबर सेल प्रभारी कुमकुम धानिक की टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की और 21 अप्रैल को खरगौन से दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान संतोष गुर्जर (31) और कपिल सोनी (49) के रूप में हुई है। दोनों के खिलाफ लमगड़ा थाना में एफआईआर संख्या 03/2025 के तहत बीएनएस की धारा 318(4)/61(2) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। एसएसपी द्वारा पुलिस टीम को 10 हजार रुपये के नकद इनाम से पुरस्कृत किया गया है। साथ ही आम जनता से अपील की गई है कि वे खुद को किसी जांच एजेंसी का अधिकारी बताने वाले किसी भी अनजान कॉल पर भरोसा न करें और ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।