उत्तराखंड

स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम

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देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने अभिभावकों से मनमानी कर रहे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। पार्टी ने विभाग के सामने 10 बिंदु रखे, इनपर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन को चेताया है। उक्रांद कार्यकर्ता गुरुवार को शिक्षा महानिदेशालय कार्यालय पहुंचे और निजी स्कूल के खिलाफ नारेबाजी की। पार्टी के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि इस वर्ष भी सत्र शुरू होते ही निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिवावकों को लूटने का काम किया जा रहा है। नए एडमिशन, स्कूल यूनिफार्म, किताबों के नाम पर अभिभावकों से मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है। यूकेडी के केंद्रीय प्रवक्ता अनुपम खत्री ने कहा कि निजी स्कूल ट्यूशन फीस के नाम पर बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर दी है। रि-रजिस्ट्रेशन और अन्य दरों के नाम पर भी इनका वसूली कार्यक्रम जारी है। मौके पर केंद्रीय उपाध्यक्ष उत्तरा पंत बहुगुणा, राजेंद्र पंत, सुलोचना ईष्टवाल, मीना थपलियाल, मधु सेमवाल, संजय कुमार, गोविंद सिंह अधिकारी, दयानंद बजरंगी, राजेंद्र गुसाईं, सुरेंद्र यादव आदि मौजूद थे।
उक्रांद की दस मांगे
– अनैतिक कार्य करने वाले स्कूलों की चिन्हित करें।
– रि- रजिस्ट्रेशन के नाम पर वसूला गया धन अभिभावकों को वापस दिलाएं।
– कक्षाओं के अनुसार ट्यूशन फीस की दर विभाग तय करे।
– स्कूल नोटिस बोर्ड पर तय दरों को चस्पा किया जाए।
– ट्यूशन फीस में देरी पर स्कूल छात्रों का परिणाम पत्र नहीं दे रहे। ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई हो।
– निजी स्कूलों में अध्यापकों की शैक्षिक योग्यता की जांच की जाए।
– जिन विद्यालयों का भवन और परिसर नियम अनुसार नहीं है उनको बंद किया जाए।
– स्कूलों के वार्षिक शुल्क कि दर एक सामान हो। उसकी सीमा तय की जाए।
– एनसीईआरटी के अंतर्गत जारी पाठ्यक्रम की पुन: समीक्षा की जाए।
– निजी विद्यालय की ओर से पाठ्यक्रम और स्कूल यूनिफार्म बिक्री के तरीके पर रोक लगाई जाए।

 

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