मसूरी वन प्रभाग में 7375 सीमा स्तंभ मौके से गायब, वन विभाग की कार्यप्रणाली पर फिर गंभीर सवाल

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देहरादून(। उत्तराखंड वन विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। मसूरी वन प्रभाग में 7375 सीमा स्तंभों के मौके से गायब होने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिससे वन भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण और गैर वानिकी कार्यों के लिए भूमि का गैरकानूनी उपयोग की आशंका है। साथ ही यहां राजनीतिक संरक्षण के चलते विभाग की ओर से अतिक्रमण की अनदेखी की भी बात सामने आ रही है। खासकर प्रभाग की रायपुर रेंज के खलंगा क्षेत्र में अतिक्रमण से वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। मुख्य वन संरक्षक कार्ययोजना संजीव चतुर्वेदी ने प्रमुख वन संरक्षक को लिखे एक विस्तृत पत्र में आरोप लगाया है कि इतने बड़े पैमाने पर सीमा स्तंभों का गायब होना महज लापरवाही नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। पत्र के मुताबिक तद्समय तैनात वन अधिकारियों, कर्मचारियों और निहित स्वार्थी तत्वों की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा घोटाला संभव ही नहीं था। वन प्रभाग की मार्च 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, मसूरी वन प्रभाग में कुल 12321 सीमा स्तंभ दर्ज हैं। इनमें से 7375 सीमा स्तंभ मौके से पूरी तरह गायब हैं। यह एक गंभीर विसंगति है क्योंकि मानचित्र पर ये स्तंभ मौजूद हैं, लेकिन जमीनी हकीकत में इनके कोई निशान नहीं हैं। सबसे चौंकाने वाली स्थिति मसूरी रेंज की है, जहां 4133 सीमा स्तंभ मौके से पूरी तरह गायब हैं। इसी तरह रायपुर में 1722 और जौनपुर में 944 सीमा स्तंभ लापता हैं। मुख्य वन संरक्षक ने स्तंभ गायब होने के मामले को बेहद गंभीर बताते हुए विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन या न्यायालय की निगरानी में सीबीआइ जांच की सिफारिश की है। साथ ही गायब सीमा स्तंभों की तुरंत पुनर्स्थापना, वन भूमि पर अवैध कब्जों की व्यापक जांच, संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने की भी सिफारिश की है।
वन क्षेत्र में अतिक्रमण के बढ़ते मामले चिंताजनक: वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मसूरी वन प्रभाग में अतिक्रमण की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। वर्ष 2017-18 से 2023-24 के बीच कुल 142 अतिक्रमण प्रकरण दर्ज किए गए, जिनमें लगभग 49.34 हेक्टेयर भूमि अभी भी अवैध कब्जे में हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि पिछले छह वर्षों में अवैध कब्जों पर रोक नहीं लग पाई, बल्कि अब भी लगभग 50 हेक्टेयर वन भूमि को कब्जामुक्त कराना चुनौती बना हुआ है।
घटते रहे सीमा स्तंभ, बढ़ती रही आइएफएस की संपत्ति: मसूरी वन प्रभाग में वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से सीमा स्तंभ गायब होते रहे। एक आइएफएस पर इस कार्य में शामिल होने के आरोप हैं। उनके कार्यकाल में मसूरी की विभिन्न रेंज में सीमा स्तंभ घटते रहे और उनकी संपत्ति बढ़ती रही। उक्त के नाम से हिमाचल के मंडी जिले में सेब का बागान है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में आवासीय भूखंड भी दर्ज है। उत्तराखंड में धोरणखास, नूरीवाला, कुआंवाला व कालीमाटी में चार आवासीय भूखंड हैं।
मसूरी वन प्रभाग में रेंजवार सीमा स्तंभों की स्थिति
रेंज का नाम – गायब स्तंभ – कुल स्तंभ
कैंपटी – 218 – 703
जौनपुर – 944 – 1998
देवलसारी – 296 – 642
भद्रीगाड़ – 62 – 332
मसूरी – 4133 – 5237
रायपुर – 1722 – 3409
योग – 7375 – 12321

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