80 हजार कर्मचारियों की अनदेखी 22 के चुनाव में सरकार को पड़ सकती है भारी

Spread the love

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने सरकार को चेताया, कहा हम नहीं तो तुम भी नहीं
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा दिन ब दिन मौजूदा सरकार के गले की हड्डी बनता जा रहा है। पेंशन बहाली को लेकर मोर्चा ने सरकार को चेताया है कि अस्सी हजार कर्मचारी किसी भी सरकार का ग्राफ उठा और गिरा सकता है। इसी मुद्दे के साथ राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के आवाह्न पर आगामी एक अक्टूबर को काला दिवस मनाये जाने की रणनीतियों पर वेबिनार के माध्यम से बैठक आयोजित हुई।
बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल बडोनी ने करते हुए सरकार के अड़ियल रवैये पर आक्रोश जताया। उन्होंने कहा कि मोर्चा के अस्सी हजार कर्मचारियों के हितों की अनदेखी सरकार पर भारी पड़ सकती है। यहां तक कि सरकार का जनाधार ये अस्सी हजार कर्मचारी बना भी सकते हैं और बिगाड़ भी सकते हैं। सरकार के अड़ियल रवैये के चलते आज कर्मचारियों को आंदोलन को बाध्य होना पड़ रहा है। 30 से 40 साल की सेवा के उपरांत पेंशन देना सरकार की जिम्मेदारी व कर्मचारियों का अधिकार है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य के कर्मचारी पूर्व की भांति इस वर्ष भी एक अक्टूबर को काला दिवस मनायेगें। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार एक अक्टूबर 2005 को राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन खत्म करके उन्हें नई पेंशन से शिफ्ट कर दिया था। जो कर्मचारी के हित में कतई नहीं है। इस मौके पर मोर्चा के प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग लगातार की जा रही है। यही नहीं मौजूदा मुख्यमंत्री ने पुरानी पेंशन बहाली का आश्वासन भी दिया है। बावजूद इसके सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही। उन्होनें कहा कि इस बार कर्मचारियों ने आर पार की लड़ाई का मन बनाया है। कर्मचारी अपने हकों के लिए एकजुट होकर सरकार से अपनी मांगे मनवाकर ही मानेंगे। उन्होंने बताया कि वेबिनार माध्यम से पूरे प्रदेश के कर्मचारी व मोर्चा के पदाधिकारियों ने आगामी रणनीतियों पर गहनता से चर्चा की। उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं हुई तो सरकार को 2022 के चुनाव में इसका प्रत्यक्ष परिणाम भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मोर्चा से जुड़े करीब अस्सी हजार कर्मचारियों ने इस बार सरकार को सबक सिखाने की ठान ली है। वेबीनार में टिहरी जिला उपाध्यक्ष स्वरूप जोशी, प्रांतीय महिला अध्यक्ष योगिता पंत, गढ़वाल मंडल महिला अध्यक्ष रश्मि गौड, रुद्रप्रयाग जनपद उपाध्यक्ष शशि चौधरी, अल्मोड़ा जनपद उपाध्यक्ष रजनी रावत, रुद्रप्रयाग जनपद संरक्षक शंकर भट्ट, रुद्रप्रयाग जनपद वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल शाह, प्रांतीय मीडिया प्रभारी लक्ष्मण सिंह रावत, गढ़वाल मंडल संगठन प्रभारी सौरभ नौटियाल, प्रांतीय उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह बिष्ट, उत्तरकाशी के अध्यक्ष गुरुदेव रावत, बागेश्वर से राजेंद्र देव, प्रांतीय कानूनी सलाहकार अजय चमोला, अल्मोड़ा से जनपदीय उपाध्यक्ष अजीत तिवारी, उत्तरकाशी से मुरली मनोहर भट्ट, धर्म सिंह कार्की, श्रीनगर शाखा अध्यक्ष राकेश रावत, महामंत्री मनोज भंडारी, मुकेश नेगी, राजेंद्र पवार, रमेश चंद्र जोशी, कुंवर सिंह बिष्ट, शोभित बहुगुणा सहित सौ से अधिक कर्मचारियों एवं शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *