834 आंगनबाड़ी केंद्रों में चला पोषण कार्यक्रम
बागेश्वर। जिले को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया गया। इस दौरान 834 आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण कार्यक्रम चला। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को कुपोषण के कारण होने वाली बीमारी के बारे में बताया गया। जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या 47 पहुंच गई है। जिला कार्यालय सभागसार में समापन कार्यक्रम प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी केएन तिवारी की अध्यक्षता में हुआ। जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास राजेंद्र प्रसाद बिष्ट ने बताया कि पोषण माह के अंतर्गत जनपद में 834 आंगनबाडी केंद्रों में पोषण माह के कार्यक्रम आयोजित हुए। इसमें गर्भवती महिलाओं एवं अन्य लोगों को कुपोषण के बारे में जानकारी दी। स्थानीय खाद्यान्नों की जानकारी, पौष्टिक आहार, सुनहरे एक हजार दिन, एनीमिया व डायरिया पर ऑनलाईन सत्र, डायरिया प्रबंधन, एनीमिया प्रबंधन तथा साफ-सफाई एवं हैंडवॉश आदि कार्यक्रम आयोजित हुए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में कुपोषित बच्चों की संख्या 47 है। अतिकुपोषित बच्चों की संख्या 25 तथा अब तक 42 बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराया गया हैं। इसके अलावा कुपोषितों की संख्या 35 थी, अतिकुपोषित बच्चों की संख्या सात थी, जो की अब सामान्य श्रेणी में आ गए हैं। तिवारी ने कहा कि बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए आंगनबाडी कार्यकत्रियों की अहम भूमिका होती है। इसके साथ ही उनके द्वारा गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण, टीकारण से लेकर उनके स्वास्थ व खान-पान का विशेष ध्यान रखने तथा संस्थागत प्रसव कराने में उन्हें उचित दिशा निर्देश देने में अपनी अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस अभियान में सभी ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं, इसके लिए आगे भी सभी इसी उत्साह एवं मनोबल से कार्य करें। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीके सक्सेना, प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी पदमेंद्र सकलानी, मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्या, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह, ईई जल संस्थान एमके टम्टा आदि मौजूद थे।