चमोली : चमोली जिले में प्राथमिक से माध्यमिक स्तर के 93 विद्यालय भवनों की स्थिति खराब है। इनमें से 20 प्राथमिक विद्यालयों को ‘डी श्रेणी’ में चिन्हित किया गया है, जिन्हें तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है। माध्यमिक विद्यालयों में भी एक भवन डी श्रेणी में है, जिसके शीघ्र सुधार अथवा पुनर्निर्माण की जरूरत है। इसके अतिरिक्त, 73 विद्यालय भवन ‘सी श्रेणी’ में रखे गए हैं, जिन्हें मरम्मत की आवश्यकता है।
उडामांडा इंटर कॉलेज की स्थिति सबसे खराब पोखरी विकासखंड स्थित उडामांडा राजकीय इंटर कॉलेज का भवन सबसे अधिक जर्जर है। विद्यालय का पुराना भवन खस्ताहाल है। समग्र शिक्षा योजना के तहत बनाए गए चार कक्ष भी अधूरे और असुरक्षित हैं। प्रधानाचार्य ब्रह्मानंद किमोठी ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से ये कक्ष अधूरे पड़े हैं। न दरवाजे हैं, न खिड़कियां, फर्श अधूरा है और छत टपकती है। छात्र-छात्राएं पुराने भवन के साथ इस अधूरे भवन में भी असुरक्षित महसूस करते हैं। विभाग को इस स्थिति की जानकारी दे दी गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। विद्यार्थियों की आपबीती विद्यालय की कक्षा 12 की छात्राएं शिवानी, निकिता और छात्र मयंक सिंह, गौरव ने बताया कि बरसात के दौरान सभी कमरों की छतों से पानी टपकता है। फर्श गीला रहता है, जिससे पढ़ाई करना मुश्किल हो जाता है। भवन की जर्जर स्थिति के कारण हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। प्रधानाचार्य किमोठी ने बताया कि विद्यालय भवन की दुर्दशा को लेकर शासन-प्रशासन और शिक्षा मंत्री तक को ज्ञापन दिया जा चुका है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला। (एजेंसी)