सुअर के आतंक से झवांण के ग्रामीण परेशान
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। विकासखंड दुगड्डा के ग्राम झवांण में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। जंगली जानवर कास्तकारों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे है। कई बार वन विभाग के अधिकारियों को सूचना देने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने वन विभाग से सुअरों को मारने या भगाने की मांग की है। ताकि काश्तकारों की फसल को बचाया जा सके।
लैंसडौन वन प्रभाग के दुगड्डा रेंज के रेंज अधिकारी को प्रेषित ज्ञापन में शम्भू प्रसाद भारती ने बताया कि सांय होते ही जंगली सुअर गांव में घुस रहे है। सुअर मंडुवा, मक्का, चौलाई, मिर्च सहित दलहनी फसल को उखाड़ कर तहस-नहस कर रहे है। जो ग्रामीण सुअरों को भगाने के लिए रात्रि में खेतों में जा रहे है उन पर सुअर हमला कर रहे है। जिससे जानमाल के नुकसान की संभावना बनी हुई है। उन्होंने कहा कि फसल को बचाने के लिए सुअरों को मारने एवं भगाने की आवश्यकता है। एक ओर तो सरकार पारम्परिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर रही है, लेकिन जगंली जानवरों से निजात दिलाने के लिए ठोस योजना नहीं बना रही है। जगंली जानवरों के कारण ही अधिकांश लोग खेती छोड़ रहे है और जो लोग खेती कर रहे है उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है। वन विभाग को जंगली सुअर सहित अन्य जानवरों के लिए ठोस योजना बनानी चाहिए। ज्ञापन देने वालों में शम्भू सिंह भारती, संदीप रावत, विकास रावत, प्रदीप रावत, कैलाश चन्द्र, गुणानन्द, मनीष जुयाल, महिपाल सिंह रावत, देवेन्द्र सिंह आदि शामिल थे।