प्रदेश में लागू हो 1950 में बना मूल निवास कानून
शहर में उत्तराखंड क्रांति दल ने निकाली जनसंवाद यात्रा
भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता से एकजुट होने की अपील
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: प्रदेश में 1950 का मूल निवास कानून लागू करने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने शहर में जन संवाद यात्रा निकाली। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जनता से भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होने की भी अपील की। कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता को आवाज उठानी होगी।
रविवार को भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड जनसंवाद यात्रा निकाली गई। यात्रा शिब्बू नगर से आरंभ होकर विभिन्न कॉलोनियों से होते हुए सुखरो पुल पर संपन्न हुई। इस दौरान तड़ियाल चौक,पंचायत घर और सिम्मलचौड़ में नुक्कड़ सभाएं आयोजित की गई। पार्टी के कार्यकारी केंद्रीय अध्यक्ष डॉक्टर शक्ति शैल कपरवाण ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश कई संकटों से जूझ रहा है। बेरोजगारों के हितों से खिलवाड़ किया जा रहा है। कहा कि 1950 में बना मूल निवास कानून यदि लागू होता तो उत्तराखंड में भर्ती घोटाला नहीं होता और केवल उत्तराखंड के मूल निवासियों को ही सरकारी नौकरियां मिलती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ । उन्होंने मांग की कि उत्तराखंड सरकार भ्रष्टाचार समाप्त करने में नाकाम हो गई है इसलिए उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करके घोटालेबाजों की सीबीआई की जांच होनी चाहिए। केन्द्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत ने कहा अब भर्ती घपलों में आरएसएस पर भी आरोप लग रहे हैं इसलिए भ्रष्टचार में उत्तराखंड का मामला पूरे भारत में सबसे अधिक गंभीर हो गया है, इसलिए राष्ट्रपति शासन लागू करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। केन्द्रीय संगठन मंत्री हरीश द्विवेदी ने कहा कि सुखरो पुल 2 इंच से अधिक नीचे धंस गया है, यह संकेत देता है कि वन विभाग ,पुलिस विभाग ,राजस्व विभाग तीनों की अनदेखी और भ्रष्टाचार के कारण पुल क्षति ग्रस्त हुआ है। यात्रा में श्रवण सिंह रावत ,गुलाब सिंह रावत ,जगदीपक रावत, हयात सिंह गुसाईं ,मदन सिंह बिष्ट ,सुरेंद्र रावत, गबर सिंह नेगी, दिनेश सिंह गुसाईं, रामसिंह गुसाईं, सुरेश पटवाल और संजय रावत सहित कई कार्यकर्ता शामिल रहे।