बोर्ड बैठक में हंगामा: जन समस्याओं पर भड़के पार्षद
शनिवार को आयोजित की गई नगर निगम की बोर्ड बैठक
जयनत प्रतिनिधि।
कोटद्वार: कोटद्वार नगर निगम की बोर्ड बैठक हंगामेदार रही। जनसमस्याओं का समय पर निराकरण नहीं होने पर पार्षदों ने रोष व्यक्त किया। कहा कि पूर्व में पास किए गए कई प्रस्तावों पर अब तक कार्य नहीं हुआ है। इस दौरान कई प्रस्तावों पर चर्चा भी की गई।
शनिवार को महापौर हेमलता नेगी की अध्यक्षता में नगर निगम सभागार में बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया। बैठत शुरू होते ही पार्षद जनसमस्याओं को लेकर भड़क उठे। पार्षद सूरज प्रसाद कांति ने बताया कि नगर निगम की ओर से काशीरामपुर तल्ला में 75 लाख की लागत से गोशाला का निर्माण करवाया गया है। लेकिन, निर्माण के कई वर्ष बाद भी उक्त गोशाला में आवारा गोवंशों को शिफ्ट नहीं किया गया। ऐसे में गोवंश लगातार आमनज के लिए मुसीबत बन रहे हैं। पार्षद सौरभ नौटियाल ने कहा कि कोटद्वार क्षेत्र में किन्नरों की मनमानी बढ़ती जा रही है। किन्नर किसी भी शुभ कार्य में पहुंचकर मनमाना पैसा मांग रहे हैं। ऐसे में शुभ कार्य के दौरान दिए जाने वाले शगुन की राशि निर्धारित की जानी चाहिए। भाबर क्षेत्र के पार्षदों ने शिकायत के बाद भी गूलों की मरम्मत नहीं होने पर रोष व्यक्त किया। कहा कि सिंचाई गूल क्षतिग्रस्त होने के कारण काश्तकारों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। बैठक में शहर की सफाई व्यवस्था बदहाल होने पर भी नाराजगी व्यक्त की गई। वार्डों में नालियां चौक होने से गंदगी सड़कों पर बह रही है। बैठक में भाबर क्षेत्र में भी गोसदन खोलने की भी मांग उठाई गई। कहा कि भाबर क्षेत्र की सड़कों पर भी आवारा गोवंशों की तादात लगातार बढ़ती जा रही है। भाबर क्षेत्र में निगम की काफी भूमि खाली भी पड़ी हुई है। बैठक में नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी पार्षदों को सभी प्रस्तावों पर कार्य करने का आश्वासन दिया। कहा कि निगम की बैठक में जितने भी प्रस्ताव पास किए जाते हैं उनपर गंभीरता से कार्य करने का प्रयास किया जाता है। इस मौके पर पार्षद विपिन डोबरियाल, अमित नेगी, सुखपाल शाह, विवेक शाह, गायत्री भट्ट, अनिल रावत, प्रवेंद्र सिंह रावत आदि मौजूद रहे।
आयुक्त का न हो स्थानांतरण
बैठक में पार्षदों ने नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी की ओर से निगम कार्योलय में हुए 23 लाख के घोटाले की पोल खोलने पर प्रशंसा की। कहा कि नगर आयुक्त शहर में लोडिंग अनलोडिंग सहित कई अन्य व्यवस्थाओं में सुधार का कार्य कर रहे हैं। ऐसे में किसी भी तरह से नगर आयुक्त का स्थानांतरण नहीं किया जाना चाहिए। पार्षदों ने नगर निगम में अब तक हुए सभी घोटालों की भी जांच करवाने की मांग की है। कहा कि यदि गंभीरता से जांच की जाएं तो निगम में कई अन्य घोटाले भी निकलकर सामने आएंगे।