सरकार पौड़ी गढ़वाल में 100 बगीचे पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार करेगी : धन सिंह
पॉलीहाउस और कृषि बागवानी में दी गई का होगा सत्यापन, एक ही किसान को बार-बार नहीं मिलेगी सब्सिडी
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : प्रदेश के काबीना मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि हमारा उद्देश्य जनपद में एक वर्ष में कम से कम 100 बगीचे पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार करना है, जिससे अन्य किसान भी देखादेखी उनसे प्रेरणा ले सके तथा जनपद की बागवानी के अनुकूल उपलब्ध जलवायु व भौगोलिक दशा का लाभ उठाते हुए अपनी आर्थिकी मजबूत कर सके, इससे पलायन रोकथाम पर भी अंकुश लगेगा। उन्होंने किसानों को सेब के बगीचे तैयार करने के लिए कुछ धनराशि को प्रेरित करने के लिए शून्य ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने कहा कि जिन किसानों को एक या दो योजनाओं में सब्सिडी का लाभ मिल चुका हो उनको ही बार-बार अन्य योजनाओं में सब्सिडी ना दी जाय। साथ ही पूर्व में पॉलीहाउस तथा कृषि बागवानी के संबंध में दी गयी सब्सिडी का सत्यापन किया जाय, ताकि पता चल सके की सब्सिडी लेने वाले किसान काम करे है या नहीं। उन्होंने कहा कि उन लोगों को किसी भी तरह की सब्सिडी ना मिले जो वास्तव में किसानी तो करते नहीं केवल सब्सिडी के लिए आवेदन करते हैं।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, सहकारिता, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में मंगलवार को विकास भवन सभागार में जनपद में बागवानी के अंतर्गत फलदार सेब के बगीचे लगाये जाने के संबंध में किसान-काश्तकारों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में इण्डो डच हॉर्टीकल्चर के निदेशक सुधीर चड्डा ने जनपद में बागवानी क्षेत्र के विकसित करने में विभागों, प्राइवेट संस्थाओं व स्थानीय मशीनरी का कैसे सहयोग लिया जा सकता है तथा बेहतर बागवानी करने की तकनीक के बारे में विस्तार से बताया गया। काबीना मंत्री ने किसानों-काश्तकारों से भी आग्रह किया कि बागवानी तैयार करने के लिए स्थानीय स्तर पर भूमि की आवश्यकता, उसका आपसी सामंजस्य से एकीकरण, सिंचाई के लिए जल उपलब्धता और अन्य कार्य के लिए स्वयं भी प्रयास करें तथा इसके लिए विभिन्न विभागों और संस्थाओं से भी सहयोग लें। काबीना मंत्री ने मुख्य विकास अधिकारी व मुख्य उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया कि वे इस बात का ध्यान रखें कि किसानों को दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की सब्सिडी का लाभ केवल वास्तव में खेती-किसानी करने वाले किसानों को ही मिले। कार्यशाला में इण्डो डच हॉर्टीकल्चर के निदेशक सुधीर चड्डा ने कहा कि केवल प्लाटिंग करना पर्याप्त नहीं बल्कि बेहतर पौध का चयन, प्लाटिंग के बाद समय-समय पर उसको खाद, पानी उपलब्ध कराने, दवा छिड़काव, कटिंग के साथ ही अन्य तकनीकि पहलुओं की जानकारी रखना भी जरूरी है।
कॉपरेटिव फेडरेशन प्रतिनिधि विपिन पैन्युली ने भी कहा कि फेडरेशन कास्तकारों को हर तरह की वित्तीय मदद करने को तैयार हैं। कोका कोला भी सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) फण्ड के तहत सहायता करने को तैयार हैं। जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे इस दौरान कृषि, उद्यान, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज आदि विभागों को निर्देशित किया कि औद्यानीकरण में सभी विभाग अपनी-अपनी योजनाओं से भी आवश्यक सहयोग करें, जिससे अधिक संसाधन उपलब्ध होने से बेहतर आउटकम प्राप्त हो जाय। उन्होंने कहा कि सेब की बागवानी का यह कार्य विशिष्ट तरिके से संपादित किया जाय जिससे अच्छे परिणाम हासिल हो सके। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, सहकारिता अध्यक्ष नरेंद्र रावत, मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पांडे, जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह चौहान, मुख्य उद्यान अधिकारी डीके तिवारी, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी सहित विभागीय अधिकारी व काश्तकार उपस्थित थे।