वाह जी वाह ़. राजस्व बढ़ाने को ओवरलोड की टूट
हल्द्वानी। राज्य सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर गौला से आरबीएम निकालने वाले सभी वाहनों को ओवरलोड की टूट दे दी है। ओवरलोड की यह टूट राजस्व बढ़ाने के नाम पर दी गई है। इधर, डंपर मालिकों का कहना है कि इससे उन्हें नुकसान होगा। उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया है। ओवर लोड होने से जहां खनन का पूरा सिस्टम गड़बड़ाएगा वहीं अराजकता की स्थिति पैदा होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। शासन ने पहली फरवरी को वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र जारी किया है। इसमें लिखा गया है कि गौला से 200 करोड़ की राजस्व की प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन अभी तक 31़19 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त हुआ है। वहीं गौला में 54़25 लाख घन मीटर हर वर्ष खनन की मात्रा निर्धारण के बावजूद लक्ष्य प्राप्त नहीं हो पा रहा है। इससे उम्मीद के मुताबिक राजस्व प्राप्त नहीं हो पा रहा है। खनन व राजस्व के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गौला में पंजीत वाहनों को 108 कुंतल से अधिक आरबीएम लाने और अधिक आरबीएम लाने पर एक दिन की निकासी को प्रतिबंधित न करने के निर्देश दिए गए हैं। इधर, इस आदेश से डंपर मालिकों को नुकसान होगा जिसके चलते उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है।
तो स्टोन क्रशर के दबाव में ओवर लोड की दी गई है टूट
शासन द्वारा ओवरलोड की जो टूट दी गई है वह कुमाऊं स्टोन क्रशर यूनियन के कहने पर दी गई है। यह बात शासन द्वारा प्रबंधन निदेशक को जारी पत्र में भी लिखी गई है। एसोसिशन का पत्र 17 जनवरी को शासन को मिला था। हौरानी कि बात यह है कि पत्र में एसोसिएशन ने सरकार को बताया कि उसको राजस्व की हानि हो रही है। गौला से वाहनों पर ओवरलोड आरबीएम लाया जाएगा तो लक्ष्य की प्राप्ति होगी।
90 प्रतिशत डंपर पुराने, भार सहना मुश्किल
गौला के 11 गेटों में करीब 7500 वाहन रजिस्टर हैं। जिसमें से करीब 90 प्रतिशत वाहन 15 साल तक पुराने डंपर हैं। इन डंपरों में 108 कुंतल से अधिक ले जाया गया तो अनियंत्रित हो सकते हैं जिससे दुर्घटनाओं का खतरा रहेगा। वहीं सड़कों में टूटफूट बढ़ेगी व पुलों को नुकसान हो सकता है।
60 कुंतल भार क्षमता वाले वाहन 108 कुंतल ले जाएंगे
गौला में तीन तरह के वाहन रजिस्टर हैं। पहला डंपर, दूसरा टिप्पर व तीसरा ट्रैक्टर। डंपर को जहां 108 कुंतल आरबीएम ले जाने की अनुमति है वहीं टिप्पर की भार क्षमता के अनुसार 65 कुंतल ले जाने की अनुमति है। जबकि ट्रैक्टर 60 कुतंल तक ले जा सकते हैं। सभी वाहन निर्धारित भार से कितना भी अधिक वजन लेकर जाएंगे। ओवरलोड होने से सड़कों पर जगह-जगह आरबीएम पसरेगा जिससे जाम के साथ दुर्घटना का खतरा रहेगा।
वाहन निर्धारित की गई क्षमता वर्तमान स्थिति
डंपर- 108 कुंतल ये सभी श्रेणी के वाहन गौला से क्षमता से अधिक आरबीएम ले जा सकते हैं)
टिप्पर- 65 कुंतल
ट्रैक्टर- 60 कुंतल
गाड़ी भरने को लेकर बढ़ेगी रंजिशरू डंपर कारोबारियों का कहना है कि 108 कुंतल में सुबह गौला के अंदर जाने के बाद शाम तक आरबीएम लेकर गौला से बाहर आ जाते थे, लेकिन जब 150-200 कुंतल तक एक वाहन को भरना होगा तो अपने वाहन को भरने के लिए दबाव बनाएंगे। ऐसे में गौला के भीतर अराजकता का माहौल पनपने लगेगा।
शासन से गौला में खनन करने वाले वाहनों को 108 कुंतल से ज्यादा भार ले जाने को जो भी आदेश आया है उसको लागू करा दिया गया है। साथ ही 108 कुंतल से अधिक भार ले जाने पर वाहनों की एक दिन कि निकासी भी नहीं रोकी जाएगी। हमारी कोशिश है कि जल्द गौला में पूरी तरह से खनन शुरू किया जाए- महेश चन्द्र आर्य, क्षेत्रीय प्रबंधक, वन विकास निगम, उत्तराखंड।