भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने किया विधानसभा के बर्खास्त कर्मियों का समर्थन
देहरादून। विधानसभा से बर्खास्त 228 कर्मियों के समर्थन में भाजपा के तेज तर्रार सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी सामने आ गए हैं। उन्होंने विधानसभा में एक की तरह से लगे कर्मचारियों के साथ अलग अलग भेदभाव किए जाने पर सवाल उठाए हैं। सीएम पुष्कर धामी और स्पीकरातु खंडूडी को पत्र लिख कर तत्काल सर्वदलीय बैठक बुला कर 228 कर्मचारियों को दोबारा बहाल किए जाने को कहा है। विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त 228 तदर्थ कार्मिकों ने संयुक्त संयुक्त रूप से पूर्व कानून मंत्री स्वामी को पत्र लिखकर उन्हें सात साल की सेवा के बाद बर्खास्त किए जाने की जानकारी दी। बताया था कि सात साल की सेवा के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। जबकि उन्हीं की तरह बिना विज्ञप्ति के नियुक्त कर्मचारी आज भी विधानसभा में काम कर रहे हैं। सांसद स्वामी ने भी इसे भेदभाव करार दिया। कहा कि बर्खास्त कर्मियों के साथ अन्याय हुआ है। क्योंकि एक विधानसभा में एक ही तरह के कर्मचारियों के साथ अलग अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में कर्मचारियों के साथ न्याय किया जाए। इसके लिए चाहे सर्वदलीय बैठक बुलानी हो या अपने स्तर से फैसला लेना हो, इस दिशा में तत्काल कार्यवाही की जाए।
युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भुल्लर ने भी दिया समर्थन
विधानसभा के बाहर चल रहे बर्खास्त कर्मियों के आंदोलन को युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर और अनुति गुसाईं ने भी अपना समर्थन दिया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जिस विधानसभा में कानून बनते हैं, वहीं भेदभाव हो रहा है। पहले स्पीकर ने कहा कि 2016 से पहले के कर्मचारियों को लेकर विधिक राय ली जा रही है। अब जब महाधिवक्ता ने भी कोटिया समिति का हवाला देते हुए राज्य गठन से लेकर सभी कर्मचारियों को एक ही श्रेणी का बताया है, तो क्यों कार्रवाई से परहेज किया जा रहा है। इससे साफ हो गया है कि विधानसभा में काम करने वाले कर्मचारियों को बचाया जा रहा है।