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मोदी सरकार ने चीन को लेकर रक्षात्मक रूख अपनाया: एस जयशंकर

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चीन सीमा विवाद से लेकर व्यक्तिगत टिप्पणी तक, एस जयशंकर ने राहुल गांधी को दिया करारा जवाब
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत चीन सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई बार मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है। राहुल गांधी ने देश के विदेश मंत्री एस जयंशकर पर भी सीमा विवाद को लेकर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कई बार मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि मोदी सरकार चीन को लेकर रक्षात्मक रूख अपना रही है।
मंगलवार को एस जयशंकर ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वास्तविक रेखा पर सेना भेजी थी। उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी दलों को ईमानदारीसे यह बात सोचनी चाहिए की साल 1962 में क्या हुआ था। समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार ने सीमा अवसंरचना को बढ़ाने के लिए बजट में पांच गुना बढ़ोतरी की है।
बता दें कि पिछले साल चीन द्वारा पेंगोंग झील (च्ंदहवदह स्ांम) पर पुल बनाने को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए थे। इस मामले पर विदेश मंत्री ने बताया कि जिस क्षेत्र पर पुल बनाया जा रहा था, वह क्षेत्र 1962 के युद्घ के बाद से चीन के अवैध कब्जे में था। विदेश मंत्री ने कांग्रेस पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं को को श्सीश् अक्षर से शुरू होने वाले शब्दों को समझने में कोई दिक्कत है।
जयशंकर ने आगे सवाल उठाया कि जिस क्षेत्र पर चीन पुल बना रहा था, वो क्षेत्र चीन के कब्जे में कब आया। उन्होंने कहा कि चीन पहली बार उस क्षेत्र में साल 1958 में आए थे और चीन ने 1962 के अक्टूबर महीने में उस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। क्या आप साल 1962 में चीन द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्र का दोष, साल 2023 में पीएम मोदी को देंगे। एस जयशंकर ने आगे कहा कि जबतक दूसरे देश (चीन) की मांग वाजिब न हो तब तक मौजूदा मोदी सरकार किसी समझौते पर नहीं पहुंच पाएगी। विदेश मंत्री ने बताया कि चीनी सीमा पर भारतीय जवानों की भारी तैनाती है।
उन्होंने आगे कहा कि चीन मुद्दे को लेकर यह मैं कहना चाहूंगा कि कोई भी लोग इस बात का भरोसा न करें कि चीन के साथ भारत सरकार का रवैया रक्षात्मक है। विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा कि जो लोग मौजूदा सरकार के मंशा पर सवाल उठा रहे हैं, उनसे मैं पूछना चाहता हूं कि किसने चीन के सीमा पर भारतीय जवान भेजे। राहुल गांधी ने सीमा पर जवान नहीं भेजे बल्कि मोदी सरकार ने भेजे। इस समय भारतीय इतिहास में सबसे ज्यादा जवानों की तैनाती चीन की सीमा पर है। मौजूदा सरकार ने चीन से सटे सीमा पर बुनियादी ढांचे के खर्च को पांच गुना बढ़ा दिया है।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों पहले राहुल गांधी ने कहा था कि एस जयशंकर को विदेश नीति के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है और उन्हें थोड़ा और सीखने की जरूरत है। इस बात पर विदेश मंत्री ने राहुल गंधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मैं वायनाड के एमपी से चीन से जुड़ी जानकारियों को सुनने के लिए तैयार हूं, अगर उन्हें चीन के बारे में शानदार ज्ञान हो।
जयशंकर ने आगे कहा कि मैं अपने बचाव में केवल इतना कह सकता हूं कि मैं चीन में सबसे लंबे समय तक राजदूत रहा हूं। मैंने कई सीमा विवाद से जुड़ी कई मामलों को देख चुका हूं। जयशंकर ने आगे कहा कि मैं यह नहीं कहता चीन को लेकर मुझे ही सबसे ज्यादा ज्ञान है। अगर मुझसे भी ज्यादा कोई चीन के बारे में जानता है, तो मैं उन्हें सुनने के लिए तैयार हूं।

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