शिक्षा और कौशल अमृतकाल के सबसे महत्वपूर्ण अस्त्र, पीएम मोदी बोले- डाटाबेस बनाकर अपग्रेड करें युवाओं के स्किल्स
नई दिल्ली, एजेंसी। अमृत काल के पहले बजट की योजनाओं-घोषणाओं को धरातल पर उतारने की तैयारी के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वास जताया है कि यह बजट शिक्षा प्रणाली को पहले की तुलना में अधिक व्यावहारिक और उद्योगोन्मुखी बनाएगा। शिक्षा और कौशल को अमृत काल का महत्वपूर्ण टूल बताते हुए स्पष्ट किया कि युवा शक्ति के सदुपयोग में इनका क्या महत्व है।
युवाओं के भविष्य से जुड़ी योजनाओं का उल्लेख करने के साथ ही उन्होंने उन युवाओं के प्रति चिंता जताई, जो स्किल इंडिया मिशन के तहत प्रशिक्षण ले चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का डाटाबेस बनाकर डिजिटल प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उनका स्किल अपग्रेड करें।
युवा शक्ति का सदुपयोग- निपुणता और शिक्षा विषय पर शनिवार को शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा वेबिनार आयोजित किया गया। केंद्रीय बजट 2023 में घोषित योजनाओं के कारगर क्रियान्वयन के लिए सुझाव और विचार आमंत्रित करने के उद्देश्य से आयोजित इस वेबिनार का शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी ने किया।
उन्होंने कहा कि ये युवा ही हैं, जो विकसित भारत का दृष्टिकोण लेकर देश की अमृत यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं, इसीलिए अमृत काल के पहले बजट में युवा और उनके भविष्य को सबसे ज्यादा अहमियत दी गई है। इस वर्ष का बजट शिक्षा प्रणाली को अधिक व्यावहारिक और उद्योगोन्मुख बनाकर उसकी बुनियाद को मजबूत करेगा। पिछले वर्षों में शिक्षा प्रणाली में लचीलेपन के अभाव पर अफसोस प्रकट करते हुए इसमें बदलाव लाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में भी लर्निंग और स्किलिंग पर समान जोर दिया गया है। सरकार उन उपायों पर गौर कर रही है, जो हर स्थान से ज्ञान तक सुगमता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि देश में ऐसी अनेक डिजिटल व प्रौद्योगिकी आधारित पहलें हो रही हैं, जिन्हें राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय से काफी ताकत मिलेगी। हमारे शिक्षकों की भूमिका कक्षाओं तक सिमट कर नहीं रहेगी। देशभर से शिक्षा संस्थानों के लिए विविध शिक्षण सामग्रियां उपलब्ध हो जाएंगी, जो गांव व शहरी स्कूलों के बीच के अंतराल को पाटते हुए शिक्षकों के लिए अवसरों के नए द्वार खोलेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने वेबिनार में बताया कि अन द जब लर्निंग पर कई देश विशेष जोर देते हैं। अब भारत में भी इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप पर ध्यान दिया जा रहा है। विश्वास जताया कि अप्रेंटिसशिप हमारे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करेगी। इससे उद्योगों को ऐसी श्रमशक्ति की पहचान करने में मदद मिलेगी, जो उसके लिए सही कौशल से लैस हो।
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि इस वर्ष के बजट में नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम की घोषणा की गई है, जिसमें लगभग 50 लाख युवाओं को स्टाइपेंड दिया जाएगा। दुनिया भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में देख रही है। यहां निवेश करने के लिए विश्व उत्साहित है। उन्होंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4़0 का उल्लेख करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में लाखों युवाओं को यह योजना स्किल, री-स्किल और अपस्किल करेगी। सरकार उद्योग 4़0 के एआइ, रोबोटिक्स, आइओटी और ड्रोन जैसे सेक्टरों के लिए कुशल श्रमशक्ति बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
प्रधानमंत्री ने भारत में शिक्षा क्षेत्र में तेजी से बदलाव लाने के लिए अकादमिक जगत और उद्योग के बीच साझेदारी की भूमिका के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए तीन सेंटर अफ एक्सीलेंस खोले जाने हैं। आइसीएमआर प्रयोगशालाएं अब मेडिकल कालेजों और निजी क्षेत्र को अनुसंधान व विकास के लिए भी उपलब्ध कराई जाएंगी। कौशल और शिक्षा से जुड़े सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वह विभिन्न क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाले अवसरों का अध्ययन करें और मांग आधारित श्रमशक्ति तैयार करने में मदद करें।