लोक पर्वों और त्योहारों में मिलेट उत्पादों का उपयोग अवश्य करें : सीएम
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मसूरी के एक होटल में मिलेट्स-2023 के अन्तर्गत आयोजित ‘क्षमता और अवसर’ राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों से आये अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस कान्फ्रेंस में विशेषज्ञों द्वारा जो मंथन किया जायेगा अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष को सफल बनाने में यह कारगर सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर मिलेट्स किसानों के लिए अपनी कम लागत क्षमता के कारण उपयोगी हैं वहीं ये पोशक तत्वों से भरपूर होने के कारण आज के बदलते परिवेश में हम सबके लिए भी अति आवश्यक हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि लोक पर्वों और त्योहारों में मिलेट उत्पादों का उपयोग अवश्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए बड़े गर्व का विषय है कि भारत के प्रस्ताव और गंभीर प्रयासों के बाद ही संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया। भारत के बहुत से राज्यों में मोटे अनाज की खेती प्रचुर मात्रा में होती है, परंतु पहले इसके उचित दाम किसानों को नहीं मिलते थे। अब तस्वीर बदल रही है, इसका कारण लोगों का मोटे अनाजों को लेकर बदलता नजरिया है। आज मिलेट्स को लेकर देश में कई स्टार्टअप भी प्रारंभ हुए हैं, जो न केवल किसानों को फायदा पहुंचा रहे हैं, बल्कि लोगों को रोजगार भी दिला रहे हैं। इसलिए प्रधानमंत्री ने इसे श्री अन्न की संज्ञा दी है। जब हम किसी संकल्प को आगे बढ़ाते हैं तो उसे सिद्धि तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी उतनी ही अहम होती है। श्री अन्न केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं है, जो लोग भारत की परंपराओं से परिचित हैं वे जानते हैं कि हमारे यहां किसी के आगे ’’श्री’’ ऐसे ही नहीं जुड़ता है। जहां ’’श्री’’ होता है वहां समृद्धि भी होती है, समग्रता भी होती है और विजय भी होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र में मिलेट की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी योजनाओं के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही है। राज्य के पर्वतीय जनपदों के कृषकों से सहकारिता विभाग एवं उत्तराखण्ड कृषि विपणन बोर्ड के माध्यम से मंडुवा, झंगोरा, चौलाई जैसे मोटे अनाजों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। प्रत्येक वर्ष सहकारिता एवं विपणन बोर्ड द्वारा पर्वतीय जिलों में क्रय केन्द्र संचालित करके पर्वतीय जिलों के कृषकों से उनके गांव के निकट ही मंडुवा, झंगोरा आदि की खरीद करके किसानों को उनके खाते में ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा है, इससे न सिर्फ किसानों की आय में बढोतरी हो रही है बल्कि मिलेट उत्पादों के उत्पादन हेतु किसान प्रोत्साहित भी हो रहे हैं। उत्तराखण्ड की जलवायु के अनुसार मिलेट की खेती को प्रोत्साहित करना अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है, ताकि हमारा प्रदेश मिलेट उत्पादन में शीर्ष स्थान प्राप्त करे एवं राज्य की आर्थिक उन्नति में भागीदार बने। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल, कौसाम्ब के उपाध्यक्ष और गोवा मण्डी परिषद के अध्यक्ष प्रकाश शंकर, असम मण्डी परिषद के अध्यक्ष मनोज बारूह, हरियाणा मण्डी परिषद के अध्यक्ष आदित्य देवीलाल चौटाला, कौसाम्ब के एमडी डॉ. जेएस यादव, उत्तराखण्ड मण्डी परिषद के एमडी आशीष भटगाई एवं विभिन्न राज्यों से आये विशेषज्ञ उपस्थित थे।