जी20 बैठक से पहले कश्मीर में क्या है ‘अपहरण’ की खौफनाक साजिश, इन खास कमांडो ने घेरी है घाटी
जम्म, एजेंसी। जम्मू-कश्मीर में होने वाली ‘जी20’ की बैठक से पहले पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन, परंपरागत हमलों से परे जाकर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग कर रहे हैं। चूंकि कश्मीर घाटी के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात हैं, इसलिए आतंकियों का प्रयास है कि इस बार कुछ ऐसा किया जाए, जिसका अंदाजा सुरक्षा बलों को न हो। पुख्ता इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, ‘एनएसजी’, ‘मार्कोस’ व ‘कोबरा’ कमांडो, घाटी को घेरे हैं। इस सुरक्षा घेरे ने परंपरागत आतंकी हमला, जैसे हैंड ग्रेनेड फेंकना, एंबुश, भीड़ में फायरिंग और आईईडी विस्फोट की संभावना को काफी हद तक कम कर दिया है। अब आतंकी संगठन, ‘जी20’ की बैठक से पहले कश्मीर में ‘अपहरण’ की खौफनाक साजिश रच रहे हैं। यानी उनके द्वारा किसी बस या हाउस बोट का अपहरण किया जा सकता है। इसके मद्देनजर मार्कोस कमांडो को डल झील में उतारा गया है।
सुरक्षा बलों से मिले इनपुट के मुताबिक, आतंकी संगठनों को हमले का कोई मौका नहीं मिल रहा है। घाटी में पहाड़, जंगल, झील, सड़क मार्ग, बस स्टैंड, एयरपोर्ट, बाजार और दूसरे सार्वजनिक स्थलों पर आर्मी, जेएंडके पुलिस, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, कोबरा, मार्कोस, एनएसजी, एसएसबी और बीएसएफ जवानों को तैनात किया गया है। जिन स्थलों पर लोगों की ज्यादा आवाजाही होती है, वहां पर कोबरा, मार्कोस और एनएसजी कमांडो तैनात हैं। इसके अलावा जी20 की बैठक में आने वाले विदेशी मेहमानों का सड़क रूट सैनिटाइज कर दिया गया है। विदेशी मेहमान, जिन स्थलों पर बैठक करेंगे या वहां का दौरा करेंगे, वहां भी कमांडो को लगाया गया है। डल झील के आसपास के इलाके में ये कमांडो नियमित गश्त कर रहे हैं। झील में पहले से कोई विस्फोटक न छिपाया गया हो, उसके लिए ये कमांडो पानी में उतर रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा बलों की इस अचूक तैयारी के चलते आतंकी, हैंड ग्रेनेड फेंकने, आईईडी ब्लास्ट या फायरिंग करने का दुस्साहस नहीं करेंगे। इसी वजह से वे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का कोई नया तरीका खोज कर रहे हैं। इसके तहत आतंकियों द्वारा अपहरण की किसी वारदात को अंजाम दिया जा सकता है। सवारियों से भरी किसी बस को अपने कब्जे में ले लेना, हाउस बोट का अपहरण और दूर दराज की किसी जगह पर कुछ घरों को बंधक बना लेना, आतंकियों की प्लानिंग का हिस्सा है। इसके लिए न केवल जम्मू कश्मीर पुलिस की इंटेलिजेंस इकाई, बल्कि दूसरे बलों की खुफिया यूनिटों को भी सचेत किया गया है। एडीजीपी कश्मीर, विजय कुमार का कहना है कि जी20 की बैठक के दौरान ‘थ्री’ टायर सिक्योरिटी व्यवस्था लागू की गई है। 22 मई से 24 मई तक घाटी में एंटी ड्रोन यूनिट और वाटर बॉडी में मार्कोस कमांडो तैनात किए गए हैं। इस आयोजन के दौरान आम जन को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी। आमजन रोजमर्रा की तरह अपने काम करते रहेंगे। किसी के कहीं पर आने जाने को लेकर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। ऐसी अफवाहें फैलाने वालों पर कार्रवाई होगी।विदेशी मेहमानों का प्रतिनिधिमंडल 25 मई को वापस लौट जाएगा।
जी20 की बैठक से पहले आतंकियों ने पुंछ हमले को अंजाम दिया था। उसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद राजौरी के कंडी जंगलों में बनी गुफाओं में छिपे आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में भी सेना के पांच जवानों ने शहादत दी। जंगल में छिपे आतंकियों ने पहले आईईडी ब्लास्ट और फिर जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। आतंकियों ने पहले ‘पुलवामा’ जैसा हमला करने की योजना बनाई थी। विस्फोटकों से भरी आतंकियों की गाड़ी को लेकर सुरक्षा बल सचेत हो गए। हालांकि पाकिस्तान के आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ की जम्मू-कश्मीर में सक्रिय प्रॉक्सी विंग ‘पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट’ (पीएएफएफ) ने यह दावा किया है कि सुरक्षा बल उनकी चाल में फंस कर नुकसान झेल रहे हैं। पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट के प्रवक्ता तनवीर अहमद राथर के प्रेस बयान के मुताबिक, वे जैसा चाहते हैं, सुरक्षा बलों को उसी तरफ आने पर मजबूर कर देते हैं। पुंछ हमला हो या राजौरी अटैक, आतंकियों ने दोनों ही हमलों में सुरक्षा बलों को चकमा दिया है। यही वजह है कि अब आतंकी समूह, अपहरण जैसी किसी वारदात को अंजाम दे सकते हैं।